Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
बाइक बोट कंपनी के निदेशकों के खिलाफ दो और मुकदमे दर्ज किए गए हैं। ये मामले मेरठ और हाथरस के निवेशकों की अर्जी पर गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने दर्ज करवाए हैं। इस महाघोटाले के मुख्य आरोपित संजय भाटी समेत 16 लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस का कहना है कि एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है।
मेरठ में कंकरखेड़ा के निवासी विनोद कुमार ने जिला अदालत को बताया कि उन्होंने बाइक बोट का संचालन करने वाली गर्वित इनोवेटिव कंपनी में निवेश किया था। कम्पनी के संचालकों ने रकम को एक साल में दोगुना करने का झांसा दिया। विनोद ने सात मोटरसाइकिल में निवेश किया। कुछ दिन तक मुनाफा होने पर उन्होंने अपने रिश्तेदारों को भी बताया। कुल 51 मोटरसाइकिल का और निवेश कंपनी में करवाया। इसके बाद रकम मिलनी बंद हो गई। कुल 31 लाख की धोखाधड़ी उनके साथ की गई है। वहीं, दूसरे मामले में हाथरस के रहने वाले दिवाकर सिंह ने करीब 11 लाख रुपये का निवेश किया था। इन लोगों ने रक्तदान शिविर के नाम पर खून बाजार में बेचने का आरोप भी लगाया है।
दादरी कोतवाली पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपित संजय भाटी, उनकी पत्नी दीप्ति बहल के अलावा पवन भाटी, करनपाल, विजयपाल कसाना, सचिन, रीता चौधरी, तरुण शर्मा, आदेश भाटी, राजेश, अरुण त्रिगुनायत, वरुण त्रिगुनायत, सुनील प्रजापति, नैनपाल सिंह, डॉ.भूपेंद्र सिंह पर मुदकमा दर्ज किया गया है। ये सरे लोग घोटाला करने वाली कंपनी में निदेशक और दूसरे उच्च पदों पर काम कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि दोनों एफआईआर अदालत के आदेश पर दर्ज कर ली गई हैं। जांच की जा रही है।
आपको बता दें कि बाइक बोट फर्जीवाड़े में शुक्रवार को भी जिला न्यायालय के आदेश पर दादरी कोतवाली में राजस्थान से कांग्रेस के विधायक जोगिंदर अवाना और नोबल कोऑपरेटिव बैंक के सीईओ समेत 58 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। बाइक बोट फर्जीवाड़े के शिकार 632 पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई करके अदालत ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। इनमें कई नए आरोपी हैं, जो अब तक फर्जीवाड़े में नामजद नहीं हुए थे। फर्जीवाड़े का मुख्यारोपी संजय भाटी भी बसपा का गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी रह चुका है। विधायक जोगिन्दर अवाना को संजय भाटी के रिश्तेदार बताये जा रहे हैं। निवेशकों ने आरोपियों पर रक्तदान शिविर लगाकार खून बेचने का भी आरोप लगाया है।