Tricity Today | दादरी और दनकौर से प्रवासी मजदूरों को लेकर दो ट्रेन रवाना
बिहार के प्रवासी मजदूरों को लेकर गौतम बुद्ध नगर से 2 विशेष ट्रेन शनिवार की सुबह और दोपहर रवाना हो चुकी हैं। पहली ट्रेन दादरी रेलवे स्टेशन से रवाना की गई और दूसरी ट्रेन दनकौर रेलवे स्टेशन से भेजी गई है। ट्रेनों में मजदूरों को सवार करने और जरूरी सामान देने के लिए सुबह 8:00 बजे से ही गौतम बुद्ध नगर पुलिस और प्रशासन तैयारियों में लगे हुए थे। इसके बावजूद दनकौर से बक्सर के लिए जाने वाली ट्रेन 2 घंटे लेट हो गई।
बिहार के प्रवासी मजदूरों को लेकर पहली ट्रेन दादरी रेलवे स्टेशन से सुबह 11:00 बजे औरंगाबाद के लिए रवाना की गई। इस मौके पर गौतम बुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह और जिलाधिकारी सुहास एलवाई मौजूद रहे। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए एक-एक मजदूर को ट्रेन में सवार किया गया। मजदूरों के मोबाइल में आए एसएमएस को चेक किया गया। इससे पहले बसों में सवार करके सभी मजदूरों को दादरी रेलवे स्टेशन पर लाया गया था।
सुबह दादरी से 11 बजे औरंगाबाद के लिए पहली ट्रेन को निकलना था लेकिन यह ट्रेन दोपहर 1:15 बजे रवाना हो सकी। ट्रेन करीब सवा दो घंटा लेट हो गई। इस ट्रेन से 1368 मजदूरों ने जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। ट्रेन में केवल 968 मजदूर सवार हो पाए थे। बाद में अधिकारीयों ने कुछ ऐसे मजदूरों को मेडिकल करके सवार होने की अनुमति दी जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया था लेकिन वह जाना चाहते थे।
दनकौर से बक्सर गई ट्रेन 2 घण्टे लेट हो गई
दूसरी ट्रेन दनकौर रेलवे स्टेशन से बक्सर के लिए रवाना की गई। मजदूरों को घर भेजने की तैयारी में प्रशासन और पुलिस दो दिनों से लगे थे। स्टेशन पर 7:00 बजे से ही लोगों का आना-जाना शुरू हो गया था। प्रशासन ने बसों से यात्रियों को दनकौर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने की व्यवस्था की थी। बक्सर को स्टेशन से पहली ट्रेन रवाना हुई। यह ट्रेन 2 घंटे लेट हो गई। इसकी वजह से सिवान को जाने वाली दूसरी ट्रेन के यात्री भी स्टेशन पर जमा हो गए। बढ़ती भीड़ के चलते स्टेशन के समीप लक्ष्मी नारायण इंटर कॉलेज में इन लोगों को रोका गया। यात्रियों की बेतहाशा भीड़ ने व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दीं।
इंटर कॉलेज के प्रांगण में हजारों से अधिक लोग खुले में रोके गए। एक दूसरे से भिड़कर और सटकर बैठे मजदूरों के पास इंतजार करने के लिए कोई स्थान भी नहीं था। प्रशासन भी क्या करता। सोशल डिस्टेंसिंग को घर जाने के लिए उमड़े प्रवासी मजदूर भूल गए। पुलिस-प्रशासन मजदूरों की भीड़ के सामने बेबस नजर आए। पहली ट्रेन के स्टेशन पर जाने के बाद जैसे ही तीन बजे दूसरी ट्रेन लगी भीड़ डिब्बों में सवार हो गई। सिवान जाने वाली दूसरी ट्रेन में जैसे ही प्रवासी मजदूर बैठे तब प्रशासन ने राहत की सांस ली। भीड़ के आलम को देखकर प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए।
बक्सर के लिए केवल 656 यात्री पहुंचे
बक्सर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन 1350 यात्रियों ने किया था। दनकौर स्टेशन पर 656 यात्री पहुंचे। बक्सर जाने वाली पहली ट्रेन के लिए 1350 प्रवासी मजदूरों ने अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। लेकिन 2 घंटे ट्रेन लेट होने के बावजूद भी ट्रेन में मात्र 656 प्रवासी मजदूर ही जा सके। परी चौक से सूचना देने के बाद भी 21 प्रवासी मजदूर 2 घंटे में दनकौर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। लेकिन तब तक ट्रेन छूट चुकी थी। इस तरह रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद 21 मजदूर पहली ट्रेन से रह गए।
6 प्रवासी मजदूरों को पुलिसकर्मियों ने बिना रजिस्ट्रेशन चढ़ाया
बक्सर को जाने वाली ट्रेन जैसे ही स्टेशन से चलना शुरू हुई तभी 6 मजदूर दौड़े-दौड़े आए। उनके पास ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का मैसेज मोबाइल में नहीं था। पुलिसकर्मियों ने उनकी हालत देखकर उन्हें चलती गाड़ी में चढ़ा दिया। सभी छह मजदूर सकुशल ट्रेन के पिछले डिब्बे में सवार होकर अपने गंतव्य की ओर निकल गए।