Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
शहर में गंदगी फैलाने और नियमों का पालन नहीं करने पर नोएडा विकास प्राधिकरण (Noida Authority) ने शुक्रवार को दो कंपनियों पर डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। एक कम्पनी अधिक कूड़ा उत्पादन होने के बावजूद निस्तारण नहीं कर रही थी। जबकि दूसरी जगह कूड़ा निस्तारण प्लांट चालू नहीं हुआ था। नोएडा विकास प्राधिकरण पहले ही शहर के तमाम कार्यालयों, कंपनियों और बड़े आवासीय परिसरों को आदेश दे चुका है कि प्रदूषण व गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) इंदु प्रकाश और वरिष्ठ प्रबंधक गौरव बंसल के नेतृत्व में टीम ने सेक्टर-62 और सेक्टर-63 में जांच की। वरिष्ठ प्रबंधक ने बताया कि सेक्टर-62 के ए ब्लॉक में स्थित द कॉरनथम इमारत में अधिक कूड़ा इकठ्ठा होने के बावजूद ठीक ढंग से निस्तारण नहीं किया जा रहा था। ऐसे में इस इमारत के प्रबंधन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा सेक्टर-63 के जे ब्लॉक में स्थित विपुल मोटर्स में जांच की गई है। यहां पर ईटीपी चालू नहीं मिला है। परिसर में गंदगी फैली हुई थी। साथ ही इंडस्ट्रीयल वेस्ट को एमएसडब्लू के साथ मिक्स किया हुआ था। ऐसे में विपुल मोटर्स पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
नोएडा शहर भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा है। पिछले सत्र में नोएडा शहर को उत्तर प्रदेश का नंबर वन और देश के 25 शहरों में स्थान मिला था। इस साल विकास प्राधिकरण में और बेहतर रैंकिंग हासिल करने की योजना बनाई है। लिहाजा, विकास प्राधिकरण कूड़ा निस्तारण, सफाई व्यवस्था और तमाम दूसरे क्रियाकलापों पर ध्यान दे रहा है। प्राधिकरण ने शहर में कूड़ा फैलाने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। इसी सिलसिले में विकास प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार निरीक्षण करती रहती हैं। बड़े औद्योगिक, आवासीय व वाणिज्यिक परिसरों से गंदा पानी और कूड़ा फेंकने पर पाबंदी है।