बड़ी खबर: जेवर से दिल्ली को जोड़ने के लिए चलेगी अल्ट्रा पीआरटी

बड़ी खबर: जेवर से दिल्ली को जोड़ने के लिए चलेगी अल्ट्रा पीआरटी

बड़ी खबर: जेवर से दिल्ली को जोड़ने के लिए चलेगी अल्ट्रा पीआरटी

Google Image | Ultra PRT

नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर के लोगों के लिए बड़ी खबर है। जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली से जोड़ने के लिए अल्ट्रा पीआरटी (पर्सनल रैपिड ट्रांजिट) कैब्स का संचालन किया जाएगा। यह न्यू अशोक नगर से जेवर तक चलाई जाएगी। इसके लिए यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। पीआरटी 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। अल्ट्रा पीआरटी से सामान्य यातायात की तुलना में 60 प्रतिशत कम समय लगता है। इसके निर्माण में मेट्रो से आधी लागत आएगी। यमुना प्राधिकरण ने परियोजना की फिजबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को दी है। इसके लिए वार्ता चल रही है।

जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए यमुना प्राधिकरण काम कर रहा है। अब इसे अल्ट्रा पीआरटी से जोड़ने की तैयारी है। दरअसल, रेपिड ट्रेन का दिल्ली-मेरठ ट्रैक का एक स्टेशन दिल्ली का न्यू अशोक नगर होगा। जेवर से न्यू अशोक नगर तक अल्ट्रा पीआरटी चलाई जाएगी। न्यू अशोक नगर से यात्री रेपिड ट्रेन ले सकेंगे। यह दूरी करीब 65 किलोमीटर होगी। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसके निर्माण में मेट्रो से आधी लागत आएगी। एक अनुमान के मुताबिक, इसके निर्माण पर करीब 3.5 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। सबसे पहले इसकी फिजबिलिटी रिपोर्ट बनवाई जाएगी। यह रिपोर्ट डीएमआरसी से बनवाई जाएगी। इसके लिए डीएमआरसी के अफसरों से वार्ता चल रही है।

इसके लिए एलिवेटेड ट्रैक बनेगा, जमीन भी उपलब्ध

अल्ट्रा पीआरटी का ट्रैक एलिवेटेड बनाया जाएगा। बहुत संभव है कि यह ट्रैक नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे होते हुए और यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे-किनारे जाएगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं पड़ेगी। अल्ट्रा पीआरटी 100 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलती है। इसके एक डिब्बे 20 लोग सवारी कर सकते हैं। सामान्य व्हीकल की तुलना में इसका सफर 60 प्रतिशत कम समय में तय होगा।

पीआरटी के मुकाबले रेपिड ट्रेन में अधिक खर्च आएगा

न्यू अशोक नगर से रेपिड ट्रेन से भी जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने की तैयारी थी। लेकिन इसके निर्माण में खर्च बहुत अधिक है। इसलिए प्राधिकरण ने अल्ट्रा पीआरटी का विकल्प चुना है। अल्ट्रा पीआरटी का निर्माण मेट्रो के निर्माण से आधी लागत में हो जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, इसके निर्माण पर करीब 3.5 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

देहरादून में ऐसे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है

यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि देहरादून में अल्ट्रा पीआरटी के एक प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। यह प्रोजेक्ट भी डीएमआरसी के पास है। यही कारण है कि यमुना प्राधिकरण ने डीएमआरसी के अफसरों से संपर्क किया है। डीएमआरसी से ही इस परियोजना की फिजबिलिटी रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी।

हीथ्रो एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी में 2011 से इस्तेमाल

लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी में अल्ट्रा पीआरटी का इस्तेमाल हो रहा है। यह ट्रैक 3.8 किलोमीटर का है। इस ट्रैक में तीन स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें 21 व्हीकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुरक्षा मानकों पर भी यह खरा है। यहां पर यह सुविधा 2011 से चल रही है।

इन विकल्पों पर हो रहा काम

  1. जेवर से ग्रेटर नोएडा तक मेट्रो चलेगी। ग्रेटर नोएडा मेट्रो से आईजीआई मेट्रो ट्रैक से जोड़ा जाएगा। जेवर-ग्रेटर नोएडा मेट्रो की डीपीआर बन चुकी है।
  2. जेवर से दिल्ली तक एलिवेटेड रोड प्रस्तावित है। इसकी फिजबिलिटी तो है लेकिन अभी इस पर फैसला नहीं हुआ है। इस पर काम चल रहा है।
  3. नई दिल्ली से वाराणसी तक अब बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी है। यह कॉरिडोर नोएडा, आगरा और कानपुर के बीच से होकर निकलेगा। यह कॉरिडोर यमुना एक्सप्रेस के पास से निकलेगा। जेवर के पास स्टेशन बन जाए और एयरपोर्ट से जुड़ जाए। इस संभावना पर भी काम हो रहा है।
  4. दिल्ली-पलवल मार्ग से भी जेवर को जोड़ने की तैयारी है। जेवर से पलवल तक सड़क मार्ग को चौड़ा किया जाएगा। इस रास्ते से भी जेवर दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़ जाएगा।

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