Google Image | निर्मला सीतारमण
चालू वित्त वर्ष में सितंबर तक पहली छमाही में देश के उद्योगों में 30 अरब डालर से अधिक का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) आया है। जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 15 प्रतिशत अधिक है। बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश उन प्रमुख राज्यों में शामिल है, जिन्हें सबसे ज्यादा एफडीआई मिला है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को यहां जारी आंकड़ों में बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में कुल एफडीआई 30 अरब 40 लाख डॉलर दर्ज किया गया है। इस अवधि में एफडीआई में डॉलर के संदर्भ में 15 प्रतिशत और रुपए के संदर्भ में 23 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
ये हैं एफडीआई करने वाले शीर्ष 10 देश
आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक एफडीआई अगस्त माह में 17 अरब डॉलर से अधिक रहा है। जुलाई से सितंबर तक की दूसरी तिमाही में कुल एफडीआई 28 अरब डॉलर से अधिक रहा है। इस दौरान देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन लागू था। आंकड़ों के अनुसार पहली छमाही में भारत में एफडीआई करने वाले शीर्ष 10 देशों में मॉरीशस, सिंगापुर, जापान, अमेरिका, नीदरलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, केमैन आईलैंड और साइप्रस शामिल है।
ये हैं एफडीआई हासिल करने वाले शीर्ष उद्योग
देश में सर्वाधिक एफडीआई ऑटोमोबाइल, सेवा क्षेत्र, दूरसंचार, निमार्ण उद्योग, फार्मा, होटल व्यापार, सूचना प्रौद्योगिकी और रसायन क्षेत्र में आया है। एक और बड़ी बात यह है कि कोरोना महामारी के कारण देश में होटल व्यापार और निमार्ण उद्योग को सबसे बड़ा झटका लगा है। इसके बावजूद इन सेक्टरों को में विदेशी कंपनियों ने जमकर निवेश किया है।
ये हैं सबसे ज्यादा एफडीआई हासिल करने वाले राज्य
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को यहां जारी आंकड़ों में बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में कुल एफडीआई 30 अरब 40 लाख डॉलर दर्ज किया गया है। इस अवधि में एफडीआई में डॉलर के संदर्भ में 15 प्रतिशत और रुपए के संदर्भ में 23 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। आंकड़ों में कहा गया है कि सर्वाधिक एफडीआई आकर्षित करने वाले राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, कनार्टक, तेलंगाना, झारखंड, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के उद्योग मंत्री सतीश महाना पिछले सप्ताह एक रिपोर्ट पेश की थी। उन्होंने बताया था कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने 1.96 लाख रोजगार के अवसरों की सम्भावना वाली लगभग 9,700 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं को 1000 से अधिक भूखण्डों का आवंटन किया है। मेक-इन-यूपी को प्रोत्साहित करने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे परिधान (अपैरल) पार्क, हस्तशिल्प पार्क, खिलौना पार्क और एमएसएमई पार्क जैसे अनेक औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना है।
हेरिटेज सिटी के अतिरिक्त गौतमबुद्ध नगर में 350 एकड़ में मेडिकल डिवाइस पार्क और 1000 एकड़ में फिल्म सिटी प्रस्तावित है। कोविड-19 के बाद 14,900 करोड़ रुपये के निवेश-प्रस्तावों को वास्तविक परियोजनाओं में परिवर्तित कर उत्तर प्रदेश सरकार अब तक 43 प्रतिशत् हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का कार्यान्वयन करवाने में सफल हुई है। कोविड-19 के बाद उत्तर प्रदेश तेजी से भारत के प्रमुख आर्थिक केन्द्र के रूप में उभर रहा है। ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस में उत्तर प्रदेश भारत में शिखर से दूसरे स्थान पर है। कोविड-19 कालखण्ड में निवेश आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने अनेक आकर्षक नीतियां घोषित की हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए सुधारों और उठाए गए नये कदमों के सकारात्मक परिणाम मिलने प्रारम्भ हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में बड़े भूमि आवंटन सुधारों से वृहद् निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है। कोविड-19 कालखण्ड के बाद बदलते हुए बाजार परिदृश्य में राज्य सरकार ने नई परिस्थितियों के अनुरूप कदम उठाए हैं। अब नए सेक्टरों पर फोकस है। प्रदेश में निवेश को सुगम बनाने के लिए ‘इन्वेस्ट यूपी’ की स्थापना की गई है। अनेक स्वदेशी और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में 45,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया है।