Tricity Today | यूपी रेरा
यूपी रेरा ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। रेरा ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक बिल्डर के खिलाफ 31 खरीदारों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है। न्यायाधिकरण ने बिल्डर पर 93 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। साथ ही आदेश दिया है कि अगर निर्धारित समय पर बिल्डर ने यह धनराशि जमा नहीं की तो उसके खिलाफ रिकवरी आदेश जारी कर दिया जाएगा।
न्यायाधिकरण ने मेस्कॉट होम्स प्राइवेट लिमिटेड बिल्डर पर धारा 63 के तहत 93 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। नोएडा एक्सटेंशन में स्थित प्रोजेक्ट मनोरथ के लिए मेस्कॉट होम्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ ब्याज के साथ खरीदारों के पैसे वापस करने का आदेश दिया गया है।
रेरा की ग्रेटर नोएडा पीठ ने 31 दिसम्बर 2020 तक ब्याज के साथ 31 शिकायतकर्ताओं के पैसे वापस करने का बिल्डर को आदेश दिया है। रेरा में 93 लाख रुपये की जुर्माना राशि जमा करने के लिए 2 जून 2020 को आदेश दिया है। होम बॉयर्स के हितों की रक्षा के लिए रेरा ने प्रमोटर को सूचित किया है कि यदि खरीदारों को उनका पैसा वापस नहीं किया जाता है और रेरा में जुर्माने की राशि जमा नहीं की जाती है तो रिकवरी प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश रेरा की बेंच ने मेसर्स मैस्कॉट होम्स प्राइवेट लिमिटेड की परियोजना मनोरथ के खिलाफ 31 शिकायतों में आदेश पारित किये गये हैें। रेरा द्वारा 31 जनवरी 2019 को आदेश दिया गया था। जिसमें प्रमोटर को जून 2019 तक ओसी, सीसी के साथ खरीदारों को कब्जा डिले इंटरेसट के साथ देना था। यदि प्रोमोटर ऐसा नहीं करता है तो आवंटियों को अपना पूरा पैसा वापस पाने का अधिकार होगा। शिकायतकर्ताओं ने आदेश के निष्पादन के लिए अगस्त 2019 में प्राधिकरण से संपर्क किया था। प्राधिकरण ने आदेशों का पालन न करने का कारण बताने के लिए प्रमोटर को दिनांक 3 सितंबर 2019 को एक नोटिस भेजा।
2 दिसंबर 2019 को कारण बताओ नोटिस प्रमोटर को फिर भेजा गया था। पूछा था क्यों न प्राधिकरण के आदेशों के अनुपालन न करने पर रेरा अधिनियम की धारा 63 के तहत जुर्माना लगाया जाए। प्रमोटर ने आदेशों के अनुपालन के संबंध में प्रतिक्रिया दर्ज नहीं की थी। इसलिए प्राधिकरण ने प्रमोटर के खिलाफ धारा 63 के तहत कार्यवाही करने का फैसला किया। धारा 63 के तहत सुनवाई हेतु रेरा द्वारा दोनों पक्षों को दिनांक 05 मार्च 2020 को एक नोटिस दिया गया था। 16 मार्च 2020 की सुनवाई में दोनों पक्ष उपस्थित हुए। प्रोमोटर ने खरीदारों को किश्तों में पैसा वापस करने के लिए समय मांगा। प्रोमोटर द्वारा खरीदारों के पैसे वापस करने के संबंध में रेरा द्वारा प्रमोटर से व्यक्तिगत रूप से हलफनामा मांगा गया है। प्रमोटर धन वापसी के संबंध में शपथ पत्र दाखिल करने में विफल रहा।
जिसके बाद पीठ ने चार किश्तों में ब्याज के साथ राशि लौटाने का आदेश दिया। जिसमें पहली किश्त का भुगतान 30 अप्रैल 2020 तक किया जाना था, लेकिन प्रोमोटर ने फिर से बेंच के आदेशों का पालन नहीं किया। प्रमोटर द्वारा पहली किस्त वापस करने के संबंध में कोई अनुपालन प्रस्तुत नहीं किया गया था।