Google Image | हरदीप सिंह पुरी
नागर विमानन मंत्रालय बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष कुछ और हवाई अड्डों के निजीकरण का प्रस्ताव रखेगा। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस चरण में जिन हवाई अड्डों का निजीकरण प्रस्ताव लाया जा रहा है। उनमें उत्तर प्रदेश का वाराणसी हवाई अड्डा भी शामिल है।
नरेंद्र मोदी सरकार के तहत फरवरी, 2019 में पहले दौर में लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हवाई अड्डों के सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) मॉडल में परिचालन, प्रबंधन और विकास की मंजूरी दी गई थी। इसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने सितंबर, 2019 में नागर विमानन मंत्रालय से अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिची के हवाई अड्डों के निजीकरण की सिफारिश की थी।
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा, ''हम कल कैबिनेट के समक्ष और हवाई अड्डों के निजीकरण का प्रस्ताव रखेंगे। करीब एक दर्जन हवाई अड्डों का और निजीकरण होगा। अब से 2030 तक हम 100 नए हवाईअड्डे बनाएंगे। नागर विमानन मंत्रालय के तहत आने वाले एएआई के पास देशभर में 100 से अधिक हवाईअड्डों का स्वामित्व है और वह इनका प्रबंधन करता है।
सरकार ने 2018 में लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम तथा गुवाहाटी हवाईअड्डों के निजीकरण का फैसला किया था। प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के तहत फरवरी, 2019 में अडाणी एंटरप्राइजेज ने इन छह हवाईअड्डों के संचालन का अधिकार हासिल किया था।
अडाणी एंटरप्राइजेज ने 14 फरवरी, 2020 को एएआई के साथ तीन हवाई अड्डों अहमदाबाद, मेंगलुरु और लखनऊ के लिए रियायती करार पर हस्ताक्षर किए थे।