बिजली मंत्री से शिकायत करने की सजा छह महीने के धक्के और 1.35 लाख रुपए एस्टीमेट, बस दो किलोवॉट का है कनेक्शन

बिजली मंत्री से शिकायत करने की सजा छह महीने के धक्के और 1.35 लाख रुपए एस्टीमेट, बस दो किलोवॉट का है कनेक्शन

बिजली मंत्री से शिकायत करने की सजा छह महीने के धक्के और 1.35 लाख रुपए एस्टीमेट, बस दो किलोवॉट का है कनेक्शन

Tricity Today | 1.35 लाख रुपए एस्टीमेट

गाजियाबाद का समाजसेवी छह महीने से खा रहा है दफ्तरों के धक्के gangaमहज 8 गज की दुकान में 2 किलोवाट के कनेक्शन की जरूरत हैgangaनिगम की मनमानी या भ्रष्टाचार, कनेक्शन के लिए मांगे 1 लाख 35 हजार

पंकज कपूर ने "ऑफिस-ऑफिस" और जसपाल भट्टी ने "उल्टा-पुल्टा" भले ही देश के दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए धारावाहिक और फिल्म बनाए थे, लेकिन उनकी बात सोलह आने सही थी। सरकारी महकमा और उसके बाबू किस कदर लोगों को हैरान और परेशान कर सकते हैं, इसका एक जीता जागता नमूना गाजियाबाद के पावर कारपोरेशन में देखने के लिए मिला है।

केन्द्र सरकार जहां उज्ज्वला योजना के तहत फ्री में घर-घर विद्युत कनेक्शन बांट रही है, वहीं गाजियाबाद में बिजली विभाग के अधिकारी उपभोक्ताओं की जेब हल्की करने में जुटे हैं। अफसरों की मनमानी का आलम यह है कि महज दो किलोवाट के विद्युत कनेक्शन के लिए 1 लाख 35 हजार 537 रुपए मांगे गए हैं। हालांकि, विद्युत निगम के अधिकारी अपने इस कारनामे को जायज ठहराने के लिए कोई न कोई तकनीकी पहलू बता देगें या फिर कोई कारण गिना देगें। लेकिन सवाल तो यह है कि क्या आम आदमी दो किलोवाट के कनेक्शन के लिए इतने रुपये दे सकता है। 

इतना ही नहीं जिस उपभोक्ता से यह पैसा मांगा गया है, उसके मकान से चंद मीटर की दूरी पर बिजली की लाइन गुजर रही है। आसपास के तमाम घरों में विद्युत आपूर्ति हो रही है। 2 किलोवाट का विद्युत कनेक्शन लेने के लिए यह उपभोक्ता पिछले छह माह से इधर-उधर दौड़ रहा है। उसने सबसे बड़ी गलती ऊर्जा मंत्री से शिकायत करके की है। शिकायत के बाद विभाग ने सुध तो ली, मगर कनेक्शन के नाम पर भारी-भरकम एस्टीमेट बनाकर थमा दिया है। 

समाजसेवी ललित त्यागी विद्युत विभाग के उत्पीड़न से त्रस्त हैं। ललित की आठ गज की दुकान है। उन्होंने छह माह पहले 2 किलोवाट के वाणिज्य कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। ललित त्यागी का आरोप है कि उन्हें बेवजह चक्कर कटवाए जा रहे हैं। परेशान होकर ललित ने ऊर्जा मंत्री से शिकायत कर दी। इसके बाद विद्युत विभाग एकाएक हरकत में आ गया। विभाग ने ललित को अब 1 लाख, 35 हजार, 537 रुपए का एस्टीमेट थमा दिया है। यानि यह रकम जमा कराने के बाद उन्हें कनेक्शन मिल सकता है। 

ललित का कहना है कि दुकान से विद्युत के पोल की दूरी लगभग 36 मीटर है। उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। कनेक्शन स्वीकृत करने की बजाए खानापूर्ति हो रही है। ललित की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इतनी मोटी रकम का भुगतान कर सकें। उनका कहना है कि कनेक्शन देने के नाम पर विभाग में धांधली चल रही है। आरोप है कि पटेल नगर में विद्युत कनेक्शन के नाम पर 50 हजार रुपए की भी डिमांड की गई थी।

इस पूरे मामले पर गाजियाबाद के चीफ इंजीनियर और इलाके के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन दोनों ही लोगों से फोन पर बात नहीं हो सकी है।

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