Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
ग्रेटर नोएडा में वेयरहाउस तेजी से बनने लगे हैं। उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रीयल कोरिडोर शुरू होने से वेयर हाउस प्रोजेक्टों में तेजी आएगी। हालांकि वेयरहाउस अभी ग्रेटर नोएडा फेज दो में ही बन रहे हैं। फेज वन के लिए प्राधिकरण वेयरहाउस नीति में बदलाव करने की तैयारी में है।
ग्रेटर नोएडा में वेयर हाउस बनाए जाने के मामले में बीते एक वर्ष से तेजी आई है। इसकी मुख्य वजह दिल्ली से बड़े-बड़े गोदाम बाहर किए जाने और ईस्टर्न पेरिफिरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रेफिक शुरू होना बताया जा रहा है। दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश के लिए समय सीमा निर्धारित है। ईस्टर्न पेरिफिरल एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से अब दिल्ली में प्रवेश किए बगैर ही दिल्ली के चारों ओर भारी वाहन आ जा सकते हैं। ऐसे में ईस्टर्न पेरिफिरल एक्सप्रेस-वे के नजदीक के इलाके में वेयर हाउसों की मांग तेजी से बढ रही है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि प्राधिकरण भी जल्द ही वेयर हाउस आवंटन नीति में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। प्राधिकरण की नीति के तहत वेयर हाउस कमशर््ियल श्रेणी में आता है जबकि इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की मांग है कि वेयर हाउस उद्योग श्रेणी में शामिल किया जाए तो उद्यमियों का रुझान बढेगा। कमशर््ियल श्रेणी की वजह से ही कुछ वर्ष पूर्व घोषित प्राधिकरण की वेयर हाउस स्कीम को उद्यमियों का रुझान नहीं मिल सका था।