WhatsApp की नई पॉलिसी के बाद हो रहा भारी नुकसान, यह ऐप बना देश में नंबर वन, दुनियाभर में यूजर्स की संख्या बढ़ी

Whatsapp New Policy : WhatsApp की नई पॉलिसी के बाद हो रहा भारी नुकसान, यह ऐप बना देश में नंबर वन, दुनियाभर में यूजर्स की संख्या बढ़ी

WhatsApp की नई पॉलिसी के बाद हो रहा भारी नुकसान, यह ऐप बना देश में नंबर वन, दुनियाभर में यूजर्स की संख्या बढ़ी

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

भारत में Signal ऐप गूगल प्ले स्टोर पर नंबर वन फ्री ऐप बन गया है। Signal ने अपने प्रतिद्वंदी व्हाट्सएप को पीछे छोड़ इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप की दुनिया में अपना दबदबा कायम कर लिया है। सिर्फ भारत ही नहीं, विश्व के कई देशों में Signal ऐप ने व्हाट्सएप को पछाड़कर नंबर वन का स्थान ले लिया है। अब तक विश्व में सबसे ज्यादा लोग इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप का उपयोग कर रहे थे। पर व्हाट्सएप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव कर दिया है। नई प्राइवेसी पॉलिसी 8 फरवरी से लागू हो जाएगी। बहुत से यूजर व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में हुए बदलाव से नाखुश हैं। इसी वजह से यूजर्स व्हाट्सएप के नए विकल्प तलाश कर रहे थे। अब यूजर्स को Signal के रूप में एक बेहतरीन इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप मिल गया है।

दरअसल Signal प्राइवेसी के मामले में व्हाट्सएप को भी पीछे छोड़ चुका है। यहां तक की दुनिया के सबसे अमीर शख्स टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने ट्वीट के जरिए Signal ऐप इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। एलन मस्क के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर सनसनी मच गई है। अब तक 2.8 लाख से ज्यादा यूजर्स मस्क के ट्वीट को लाइक कर चुके हैं। करीब 40,000 टि्वटर यूजर्स उनके ट्वीट को रि-ट्वीट कर चुके हैं। दरअसल Signal और व्हाट्सएप में एक बड़ा अंतर प्राइवेसी पॉलिसी का है। Signal ऐप यूजर का किसी भी तरह का डाटा कलेक्ट या स्टोर नहीं करता है। जबकि व्हाट्सएप अब यूजर का डाटा कलेक्ट करने लगा है। यूजर्स को व्हाट्सएप को फोन नंबर, कांटेक्ट लिस्ट, लोकेशन और मैसेज संबंधी डाटा के एक्सेस की अनुमति देना जरूरी होता है। जबकि, Signal सिर्फ यूजर के मोबाइल नंबर को वेरीफाई करता है। 

साल 2014 में Signal को लांच किया गया था 
व्हाट्सएप के को-फाउंडर ब्रायन एक्टन ने व्हाट्सएप के बिकने के बाद सिग्नल फाउंडेशन की स्थापना की। पहले व्हाट्सएप स्वतंत्र था। बाद में फेसबुक ने उसे खरीद लिया। सिग्नल का मालिकाना हक, सिग्नल फॉउंडेशन और सिग्नल मैसेंजर एलएलसी के नियंत्रण में है। वर्ष 2014 में Signal  ऐप को लांच किया गया था। Signal ऐप की खासियत इसकी टैगलाइन “Say Hello To Privacy” से समझा जा सकता है। 

नई प्राइवेसी पॉलिसी से हुआ नुकसान 
दरअसल व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी ने उसे काफी नुकसान पहुंचाया है। व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को यूजर को 8 फरवरी, 2021 तक स्वीकार करना होगा। हालांकि व्हाट्सएप ने यूजर्स को नई प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प दिया है। पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि नई पॉलिसी अस्वीकार करने की हालत में यूजर व्हाट्सएप की सेवाएं नहीं ले पाएंगे। नई पॉलिसी के मुताबिक व्हाट्सएप अब यूजर्स का डेटा फेसबुक और इंस्टाग्राम से साथ साझा करेगा। व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंटल कंपनी एक ही है। यूजर्स को व्हाट्सएप की नई पॉलिसी पसंद नहीं आ रही है। इसका बड़ा लाभ Signal ऐप को हो रहा है।

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