जब अमर, मुलायम और अमिताभ की तिगड़ी देश की राजनीति का केंद्र बन गई थी, जानिए क्यों हुआ बिखराव

जब अमर, मुलायम और अमिताभ की तिगड़ी देश की राजनीति का केंद्र बन गई थी, जानिए क्यों हुआ बिखराव

जब अमर, मुलायम और अमिताभ की तिगड़ी देश की राजनीति का केंद्र बन गई थी, जानिए क्यों हुआ बिखराव

Google Image | अमिताभ बच्चन, मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह

बेबाक बात करने के लिए भारतीय राजनीति में मशहूर रहे अमर सिंह का शनिवार को सिंगापुर में निधन हो गया। वह लंबे अरसे से बीमारी से जूझ रहे थे और अंततः बीमारी से हार गए। लेकिन अमर सिंह को भारतीय राजनीति के उन जादूगरों में हमेशा याद किया जाएगा, जो बिगड़ी हुई बनाने में माहिर माने जाते हैं। अमर सिंह ने न केवल उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकारों को ग्लैमराइज किया बल्कि केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील मोर्चा सरकारों के संचालन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में अमर सिंह को जेल तक जाना पड़ा था।

उत्तर प्रदेश की राजनीति को नजदीक से देखने वाले और पुराने नेता जयपाल सिंह का कहना है कि मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति और उसके साथ जैसे-जैसे केंद्र की राजनीति में मजबूत होते गए, उसके साथ ही अमर सिंह यूपी और केंद्र की राजनीति में सशक्त बनते चले गए। एक वक्त आया जब अमर सिंह समाजवादी पार्टी का दिल्ली में चेहरा बन चुके थे। ठीक इसी वक्त अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन और मुलायम सिंह के साथ मिलकर एक ऐसी तिकड़ी तैयार की, जो भारतीय राजनीति के केंद्र में पहुंच गई थी। दरअसल, मुलायम सिंह यादव को भारतीय राजनीति का सबसे दांवपेच वाला पहलवान माना जाता है। दूसरी ओर अमिताभ बच्चन गर्दिश के दौर से निकलकर एक बार फिर बॉलीवुड के बेताज बादशाह बन चुके थे।

पॉलिटिकल साइंस के प्रवक्ता विनोद यादव का कहना है, कर्ज के तले दबे अमिताभ बच्चन का जब घर-दर नीलाम होने की नौबत आई तो उस बुरे दौर में अमर सिंह ने ही उन्हें झंझावात से उबारा था। यह बात खुद तमाम मंचों पर अमिताभ बच्चन ने स्वीकार की है। इतना ही नहीं अमिताभ बच्चन तो अमर सिंह को अपना पिता समान तक कहने से गुरेज नहीं बरतते थे। ठीक दूसरी ओर यही स्थिति अमर सिंह के साथ थी। अमर सिंह ने हमेशा मुलायम सिंह यादव को अपने पिता के बराबर दर्जा दिया। वह रामगोपाल यादव, मोहम्मद आजम खान और अखिलेश यादव पर टिप्पणियां करने से पीछे नहीं हटे लेकिन खराब से खराब रिश्तों के बावजूद कभी मुलायम सिंह यादव के बारे में अमर सिंह ने कोई खराब बात नहीं कही।

मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी की राजनीति को नजदीक से देखने वाले लोगों का कहना है कि शायद यही वजह रही कि मुलायम सिंह यादव भी कभी अमर सिंह को अपने से दूर नहीं कर पाए। अमर सिंह समाजवादी पार्टी छोड़ कर चले गए और उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पार्टी का गठन कर लिया। मुलायम सिंह यादव के ध्रुव विरोधी अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल का दामन थाम लिया। कांग्रेस और कभी भारतीय जनता पार्टी में उनके जाने की अटकलें लगती रहीं। इसके बावजूद मुलायम सिंह ने उन्हें एक बार फिर समाजवादी पार्टी में शामिल किया और 2016 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद बनाकर भेजा। अमर सिंह और मुलायम सिंह के बीच प्रगाढ़ रिश्तों का यह सबसे बड़ा उदाहरण है कि तमाम विरोध और तकरार के बावजूद मुलायम सिंह यादव ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए अमर सिंह को राज्यसभा भेजा था।

सीनियर जर्नलिस्ट्स प्रदीप सिंह कहते हैं, हालांकि एक वक्त आया जब अमर सिंह और अमिताभ बच्चन के बीच भी नज़दीकियां खत्म हो गईं। अमर सिंह और मुलायम सिंह के बीच भी पर्दे के पीछे ही रिश्ते रहे। अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया बच्चन ने अमर सिंह के मुकाबले अखिलेश यादव को तरजीह दी। अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव और आजम खान के दबाव में मुलायम सिंह ने भी अमर सिंह से दूरी बनाई। अमर सिंह इसी दौरान बीमारी की चपेट में आ गए। देश की राजनीति में भी करवट ली और अमर सिंह भारतीय राजनीति के केंद्र से हटकर हाशिए की तरफ पहुंच गए। अमर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के तमाम प्रयास किए लेकिन यूपीए सरकारों में उनके दखल और मुलायम सिंह यादव से उनके रिश्ते हमेशा इस बदलाव के राह में रोड़ा बने रहे।

प्रदीप सिंह आगे कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं कि अमर सिंह जितने वक्त राजनीति के केंद्र में रहे उस दौरान उन्हें पसंद करने वालों की संख्या बहुत कम थी और उन्हें नापसंद करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा थी। देश में वह पहले अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने बॉलीवुड का राजनीति के लिए भरपूर इस्तेमाल किया। उनकी इस पहल या इनोवेशन का राजनीति में भरपूर विरोध हुआ। सैफई महोत्सव जैसे कार्यक्रम कहीं ना कहीं अमर सिंह की देन हैं। जिन्हें आज भी समाजवादी पार्टी और यादव खानदान आगे बढ़ा रहा है। यह अमर सिंह का ही करिश्मा था कि उन्होंने समाजवादी पार्टी जैसे क्षेत्रीय दल को अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार और सुब्रत राय सहारा जैसे दिग्गज कारोबारी से जोड़ दिया था।

सीनियर जर्नलिस्ट संतोष सिंह का कहना है कि अमर सिंह वह पहले पॉलिटिशियन थे, जिसने न केवल समाजवादी पार्टी बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार से उद्योगपतियों को जोड़ा। नोएडा में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अमर सिंह की देन हैं। नोएडा में फ़िल्म सिटी की स्थापना, नोएडा में मेट्रो लाने और होटल इंडस्ट्री को नोएडा लाने में अमर सिंह की बड़ी भूमिका रही थी। एनडी तिवारी के सत्ता से चले जाने के बाद नोएडा को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई थी। अमर सिंह ने नोएडा को सहारा समूह और रिलायंस समूह जैसे बड़े उद्योगों से जोड़ दिया।

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