जानिए एक हजार किलो फूलों से कहां खेली गई होली

राधा कृष्ण की झांकी : जानिए एक हजार किलो फूलों से कहां खेली गई होली

जानिए एक हजार किलो फूलों से कहां खेली गई होली

Tricity Today | राधा कृष्ण की झांकी

- राधा कृष्ण की झांकी के साथ आम भक्तों ने भी फूलों की होली में किया सहभाग

- फूलों की होली खेले जाने के लिए 500 किलो इस्तेमाल किया गया सिर्फ गेंदे का फूल

 

श्री कृष्ण और राधा के विभिन्न प्रसंगों के बीच भागवत कथा के दौरान फूलों की होली खेली गई। भक्तों के बीच प्रस्तुत की गई राधा कृष्ण की झांकी में फूलों की होली के दौरान 1000 किलो फूलों का इस्तेमाल किया गया। इन फूलों में सिर्फ 500 किलो फूल गेंदे के रहे। राधा कृष्ण की झांकी के बीच आम भक्तों ने भी होली में खुद की सहभागिता दी।



कानपुर के निराला नगर में चल रही भागवत कथा के अंतिम दिन राधा कृष्ण की झांकी प्रस्तुत की गई। कथा के दौरान वृंदावन से आए पंडित दीपक कृष्ण शास्त्री ने भक्तों को भागवत कथा सुनने से होने वाले लाभ की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऐसी मान्यता है की भागवत कथा सिर्फ बुजुर्गों के लिए होती है। जबकि भागवत कथा का ज्ञान 11 वर्ष की उम्र से ही लेना शुरू करना चाहिए। भागवत कथा में प्रभु के विभिन्न प्रश्नों के साथ ही समस्याओं के समाधान तलाशने के भी तमाम रहस्य छुपे हुए हैं। ऐसे में यदि बचपन में भागवत कथा का ज्ञान हो जाता है तो इससे पूरी जिंदगी समस्याओं का समाधान करना आसान रहता है।



झांकी में झूम उठे भक्त : 
कथा के दौरान राधा कृष्ण की प्रस्तुत की गई झांकी में भजनों के बीच भक्त झूम उठे। राधा कृष्ण को फूलों की होली खेलते देख भक्त भी उत्साहित हुए। उत्साह में भक्तों की ओर से एक दूसरे पर फूल बरसा कर फूलों की होली का आनंद लिया। इस बीच छोटे बच्चे भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी नृत्य करते हुए 3 घंटे तक लगातार चले समारोह में अपनी सहभागिता दिखाएं।

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