कानपुर कांड: कानून की कौन सी किताब है जिसके तहत विकास दुबे पर मुकदमा नहीं, पढ़िए खास रिपोर्ट

कानपुर कांड: कानून की कौन सी किताब है जिसके तहत विकास दुबे पर मुकदमा नहीं, पढ़िए खास रिपोर्ट

कानपुर कांड: कानून की कौन सी किताब है जिसके तहत विकास दुबे पर मुकदमा नहीं, पढ़िए खास रिपोर्ट

Google Image | विकास दुबे

विकास पर 60 मुकदमे देश के लगभग हर क्रिमिनल एक्ट में दर्ज हैंgangaसारे 60 मुकदमे कानपुर के चौबेपुर पुलिस स्टेशन में विकास गैंग पर दर्ज हैंgangaउस पर 11 बार गुंडा एक्ट और 8 बार पुलिस ने गैंगस्टर अधिनियम लगायाganga6 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट लगा और 1 बार एनएसए भी लगाया गया

कानपुर में डीएसपी, एसएचओ, 3 सब इंस्पेक्टर और 3 कांस्टेबल की हत्या करके फरार हुआ विकास दुबे किस स्तर का अपराधी है, यह जानने के लिए उसकी हिस्ट्रीशीट देखना लाजमी बन पड़ता है। कानून की किताब में कोई धारा और एक्ट बाकी नहीं बचा लेकिन इस कुख्यात का आतंक नहीं रुक पाया। विकास दुबे के खिलाफ 60 एफआईआर दर्ज हैं। उस पर पुलिस 11 बार गुंडा एक्ट लगा चुकी है। गैंगस्टर एक्ट के तहत 8 बार कार्रवाई की गई है। क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत 6 बार उसे बुक किया गया था। देश में अपराधियों के खिलाफ सबसे बड़े कानून नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत भी विकास दुबे के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।

विकास दुबे के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, लूट, डकैती, जान से मारने की धमकी, नशीले पदार्थों की तस्करी, शराब की तस्करी, हथियारों की तस्करी और ना जाने कितने आरोपों में मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, नेशनल सिक्योरिटी एक्ट, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, एक्साइज एक्ट, आईपीसी और सीआरपीसी में 60 मुकदमें चल रहे हैं। इसके बावजूद विकास दुबे खुलेआम घूमता रहा। लोगों को भयाक्रांत और आतंकित करता रहा। इतना ही नहीं तमाम राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के साथ उसके फोटो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

विकास दुबे पुत्र राम कुमार दुबे कानपुर नगर जिले में चौबपुर पुलिस स्टेशन के छोटे से गांव विकरु का निवासी है। विकास दुबे पर सबसे पहला मुकदमा वर्ष 1993 में डकैती का दर्ज किया गया था। जिसे उसने अपने गैंग के साथ मिलकर हथियारों के बल पर अंजाम दिया था। इसके बाद विकास दुबे ने जरायाम की जिंदगी में पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह एक के बाद एक जुर्म अंजाम देता चला गया और चौबपुर पुलिस थाने में उसकी हिस्ट्री शीट में पन्ने जुड़ते चले गए। आज उसके खाते में 60 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें देश के क्रिमिनल लॉ की शायद ही कोई कुख्यात धारा और एक्ट बचा है, जिसके तहत विकास पर पुलिस ने कार्रवाई न की हो। लेकिन सवाल यही उठता है कि आखिर पुलिस विकास दुबे को काबू करने में नाकामयाब क्यों रही?

तमाम नेताओं के साथ विकास दुबे के फोटो वायरल
संगीन धाराओं और अधिनियमों में इतनी बड़ी संख्या में मुकदमे दर्ज होने के बावजूद विकास दुबे खुलेआम घूम रहा था। उसकी फोटो सारे राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर शुक्रवार की सुबह से वायरल हो रही हैं। इन फोटो को देखकर आम आदमी के मन में तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। लोगों को खुद ही यह फोटो सबसे बड़े सवाल का जवाब दे रहे हैं कि आखिर इतना दुर्दांत अपराधी होने के बावजूद विकास दुबे खुलेआम कैसे घूम रहा था।

कई कई साल बाद अचानक प्रकट होता है विकास दुबे 
विकास दुबे की हिस्ट्रीशीट को देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह बेहद शातिर किस्म का बदमाश है। वह ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देता है और उसके बाद कई साल के लिए परिदृश्य से गायब हो जाता है। इस दौरान वह अक्सर जेल में रहता है। जमानत पर छूटता है। कुछ दिन शांत पड़ा रहता है और उसके बाद फिर एक के बाद एक अपराध को अंजाम देता है। उसकी सक्रियता से परेशान होकर पुलिस जैसे ही उसकी घेराबंदी शुरू करती है, वह फिर जेल पहुंच जाता है। कुछ वर्ष जेल में बिताने के बाद जैसे ही पुलिस का ध्यान विकास दुबे की ओर से हटता है, वह एक बार फिर बाहर आकर खूनी खेल शुरू कर देता है।

चौबेपुर थाने में विकास दुबे की हिस्ट्रीशीट

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