Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर परियोजना में आ रहे पथवाया नाले को शिफ्ट करने के लिए 6.19 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए। इस नाले को शिफ़्ट करने में 24.79 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नाले की शिफ्टिंग का काम सिंचाई विभाग करेगा। इसके अलावा परियोजना में स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, सड़क, बिजली की लाइन, नाले और नहर आदि आ रहे हैं। इनको परियोजना से बाहर शिफ्ट किया जाना है।
जेवर एयरपोर्ट परियोजना 1334 हेक्टेयर जमीन में मूर्त रूप लेगी। इस परियोजना में आने वाले नाला, नाली, माइनर भी शिफ्ट की जाएंगी। परियोजना में पथवाया नाला भी आ रहा है। नाले की शिफ़्टिंग का काम सिंचाई विभाग करेगा। इसके लिए योजना तैयार कर ली गई है। इसकी शिफ़्टिंग में 24.79 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शासन ने इसके लिए पहली किस्त जारी कर दी है। नाला शिफ्टिंग के लिए 6.19 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। पैसा आने के बाद अब यह काम जल्द शुरू हो सकेगा।
स्कूल भी परियोजना की जद में
जेवर एयरपोर्ट परियोजना में दयानतपुर और रोही में तीन-तीन सरकारी स्कूल हैं। छह स्कूलों की जगह अब दो उच्च प्राथमिक विद्यालय बनाए जाएंगे। एक विद्यालय में 19 और दूसरे विद्यालय में 5 कमरे होंगे। परियोजना में 5 आंगनबाड़ी केंद्र आ रहे हैं। इन आंगनबाड़ी केंद्रों को इन्हीं स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। इन स्कूलों को जेवर बांगर में बनाया जाएगा। जेवर बांगर में ही प्रभावित परिवारों को बसाया जाना है।
इन सड़कों को शिफ्ट किया जाएगा
परियोजना में आने वाली सड़कें भी शिफ्ट की जाएंगी। यह काम पीडब्ल्यूडी करेगा। शिफ्ट किए जाने वाली सड़कों में किशोरपुर से बनवारीवास मार्ग करीब 1.15 किलोमीटर, एचएसके से बनवारीवास मार्ग 1.81 किलोमीटर, एचएसके से नगरा छीतर मार्ग 1.81 किलोमीटर व नगरा छीतर से नगला शरीफ खान मार्ग में 0.5 किलोमीटर शिफ्ट होगा। इसके अलावा एचएसके से रोही मार्ग 1.75 किलोमीटर, एचएसके से रन्हेरा मार्ग 1 किलोमीटर, एचएसके से नगला गणेशी मार्ग 0.9 किलोमीटर, जेवर-रबूपुरा से दयानतपुर खेड़ा मार्ग 0.650 किलोमीटर और एचएसके से रामनेर मार्ग 0.6 किलोमीटर शामिल हैं।
एयरपोर्ट परियोजना में आने वाले स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र, बिजली की लाइन आदि सभी शिफ्ट की जाएंगी। संबंधित विभाग ये काम करेंगे। इनको शिफ्ट करने के बाद ही परियोजना का काम शुरू किया जाएगा। स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र वहां बनाए जाएंगे, जहां पर परियोजना के प्रभावित परिवारों को बसाया जाना है।
- डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण