ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इस सोसायटी का हाल देखिए, गार्ड की कुर्सी पर सोता है कुत्ता, पार्किंग बनी डंपिंग यार्ड लेकिन बिल्डर ने बढ़ाया मेंटिनेंस चार्ज

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इस सोसायटी का हाल देखिए, गार्ड की कुर्सी पर सोता है कुत्ता, पार्किंग बनी डंपिंग यार्ड लेकिन बिल्डर ने बढ़ाया मेंटिनेंस चार्ज

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की इस सोसायटी का हाल देखिए, गार्ड की कुर्सी पर सोता है कुत्ता, पार्किंग बनी डंपिंग यार्ड लेकिन बिल्डर ने बढ़ाया मेंटिनेंस चार्ज

Tricity Today | टर नोएडा वेस्ट की इस सोसायटी का हाल देखिए, गार्ड की कुर्सी पर सोता है कुत्ता

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिल्डरों का एक सूत्रीय कार्यक्रम रेजिडेंट्स की जेब ज्यादा से ज्यादा खाली करना है। अब एक सोसाइटी का हाल आपको बताते हैं। सिक्योरिटी गार्ड्स की कुर्सी खाली रहती हैं। वहां कुत्ते आराम फरमाते हैं। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट आज तक नहीं लगा है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का कोई इंतजाम नहीं है। लिहाजा, सोसाइटी की बेसमेंट पार्किंग का डंपिंग ग्राउंड बना हुआ है। जिन टावर में परिवार रह रहे हैं, उनमें अब तक लिफ्ट नहीं लगाई गई हैं। इस सब के बावजूद बिल्डर का खर्च कागजों में बेशुमार बढ़ रहा है। वह इसकी पूर्ति करने के लिए निवासियों पर मेंटेनेंस चार्ज का बोझ लादे जा रहा है।

यह सारी समस्याएं ग्रेटर नोएडा वेस्ट की विक्ट्री वन हाउसिंग सोसाइटी में व्याप्त हैं। सोसाइटी के निवासी विनोद प्रशांत ने ट्राइसिटी टुडे को बताया, "हमारी हाउसिंग सोसायटी में 8 टावर बन चुके हैं। इनमें से चार टावर में बिल्डर ने करीब 100 परिवारों को घर दे दिए हैं। हम लोग यहां रह रहे हैं, लेकिन हालात रहने लायक नहीं हैं। हम पिछले दो साल से सोसायटी में रह रहे हैं। बिल्डर ने घर बेचते वक्त ऐसे वादे और दावे किए थे कि हमें लगा शायद घर स्वर्ग में खरीद रहे हैं। इस महामारी के दौर में बिजली के शुल्क और रखरखाव शुल्क बढ़ा दिए गए हैं। बिल्डर ने सीधे प्रीपेड मीटर से कटौती शुरू कर दी है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने बिल्डर को ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट थमा दिया लेकिन यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नहीं है।"

सोसायटी में रहने वाले एक अन्य व्यक्ति आशीष का कहना है, "यहां लिफ्ट नहीं हैं। सोसाइटी की बाउंड्री वॉल अधूरी पड़ी हुई है। जहां से कोई कभी भी आ जा सकता है। रात में चोरों चक्कू का खतरा बना रहता है। अग्निशमन उपकरण काम नहीं कर रहे हैं। पेयजल नहीं है। अधिकांश जगहों में सीसीटीवी कैमरा नहीं है। सोसाइटी की निगरानी करने वाला कोई नहीं है। दिन में बमुश्किल चार-पांच सुरक्षाकर्मी यहां रहते हैं। उनका भी पता नहीं चलता, कब कहां चले जाते हैं। टावरों के नीचे कुर्सियां खाली पड़ी रहती हैं और उन पर कुत्ते आराम से सोते रहते हैं।"

विनीत ने बताया, "सोसायटी में पार्क का रखरखाव नहीं किया जा रहा है। पार्किंग का रखरखाव नहीं है। हमारे टावरों से निकलने वाला कूड़ा पार्किंग में भर दिया गया है। पार्किंग से बदबू आती है। वहां वहीकल खड़ा नहीं कर सकते हैं। पूरी पार्किंग को डंपिंग ग्राउंड बना कर रख दिया है। अब तक बिल्डर ने सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट नहीं लगवाया है। क्लब का उपयोग विक्ट्री वन बिल्डर की प्रबंधन टीम सेल्स ऑफिस के रूप में कर रही है। इसके अलावा क्लब का रखरखाव नहीं किया जाता है। बिल्डर ने क्लब को 5 स्टार होटल की तरह बनाने का वादा किया था"

शिवनंदन का कहना है कि इस बारे में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से न जाने कितनी बार शिकायत की जा चुकी हैं। सोसायटी के बिल्डर को भी लिखित में पत्र और मेल भेजे गए हैं। उस पर तो कोई फर्क नहीं पड़ता है, विकास प्राधिकरण भी हमारी मदद करने के लिए तैयार नहीं है। जिस सोसाइटी को हमने स्वर्ग समझकर घर खरीदे थे, वहां हमारा जीवन नरक हो गया है।

सोसाइटी के इन हालात के बारे में बिल्डर का पक्ष जानने के लिए कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन वेबसाइट पर उपलब्ध करवाए गए नंबर बंद हैं या कोई उठा नहीं रहा है। दूसरी ओर इस बारे में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि अगर निवासियों की ओर से शिकायत दी जाएगी तो कार्यवाही जरूर होगी। अगर निवासियों ने पूर्व में कोई शिकायत दी है तो उस पर संज्ञान अवश्य लिया जाएगा।

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