यमुना प्राधिकरण जेवर एयरपोर्ट के पास सात एकड़ में बनाएगा अत्याधुनिक कार्यालय, तीनों प्राधिकरणों में सबसे बड़ा होगा

यमुना प्राधिकरण जेवर एयरपोर्ट के पास सात एकड़ में बनाएगा अत्याधुनिक कार्यालय, तीनों प्राधिकरणों में सबसे बड़ा होगा

यमुना प्राधिकरण जेवर एयरपोर्ट के पास सात एकड़ में बनाएगा अत्याधुनिक कार्यालय, तीनों प्राधिकरणों में सबसे बड़ा होगा

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) के किनारे जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Jewar International Airport) के साथ एक औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने का काम यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण कर रहा है। यहां से दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (Delhi-Varanasi High Speed Rail) भी होकर गुजरेगा। यहीं विकास प्राधिकरण सेक्टर-18 में एक नया कार्यालय बनाएगा, लेकिन इसके निर्माण में तीन साल का वक्त लगेगा।

यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए YEIDA अभी ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमेगा-1 में करीब एक दशक से काम कर रहा है। हालांकि, इस क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है। लिहाजा, अब प्राधिकरण ने भी यमुना सिटी के सेक्टर-18 में शिफ्ट होने का फैसला किया है। वैसे तो यमुना प्राधिकरण वर्ष 2001 में स्थापित हो गया था लेकिन इसने व्यावहारिक रूप से वर्ष 2009 में काम करना शुरू किया। प्राधिकरण भट्टा परसौल गांव में अपनी पहली आवासीय प्लॉटिंग योजना लेकर आया था। जिसके खिलाफ देश का सबसे बड़ा किसान आंदोलन हो गया था।

प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि “अब ग्रेटर नोएडा में चल रहे कार्यालय से बाहर जाने का समय आ गया है। हमारे निवेशकों को अच्छा लगेगा जब वह देखेंगे कि प्राधिकरण का कार्यालय एक्सप्रेस-वे के करीब और उनके बीच में है। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने कहा कि बढ़ती मांग को संभालने के लिए हमें और अधिक श्रमशक्ति का विस्तार करने की आवश्यकता है। प्राधिकरण के नए दफ्तर की योजना 6.86 एकड़ क्षेत्रफल वाले भूखंड पर बनाई गई है। यह यमुना एक्सप्रेस-वे के पहले इंटरचेंज के पास स्थित होगा। इस कार्यालय में 70% खुला क्षेत्र होगा और इसे 2 एफएआर के साथ बनाया जाएगा। 

सीईओ ने कहा, इस इमारत को बनने में तीन साल लगेंगे। आर्किटेक्ट और कंसल्टेंसी कंपनियों के साथ बैठक दिसंबर के आखिरी हफ्ते में होनी है। आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में तीन औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में यमुना प्राधिकरण का कार्यालय सबसे बड़ा होगा। नोएडा प्राधिकरण भी सेक्टर-96 में 5.93 एकड़ में एक नया कार्यालय बना रहा है। दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने नॉलेज पार्क चार में 5.75 एकड़ क्षेत्रफल में 2016 में इमारत बनाई थी।

यमुना प्राधिकरण अपने समकक्षों में सबसे नया है और इसका वार्षिक बजट अन्य दो की तुलना में सबसे कम है। जबकि, नोएडा और ग्रेटर नोएडा का वार्षिक बजट 4,000 करोड़ रुपये से अधिक है। पिछले कुछ वर्षों में यमुना प्राधिकरण सालाना 1,400 से 1,800 करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे एंटरप्रिन्योर एसोसिएशन के सचिव ऋषभ निगम ने कहा, मैंने यमुना प्राधिकरण से सेक्टर-32 में एक भूखंड लिया था। प्राधिकरण को यहीं अपने क्षेत्र में एक कार्यालय स्थापित करना चाहिए। जिसे बहुत पहले विकसित कर लिया गया था। यह उन निवेशकों पर बेहतर प्रभाव छोड़ेगा, जो इस क्षेत्र में भूखंड देखने आते हैं।”

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