यमुना प्राधिकरण इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड लाएगा, आपको मिलेगा अपने शहर की तरक्की में निवेश करने का मौका

यमुना प्राधिकरण इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड लाएगा, आपको मिलेगा अपने शहर की तरक्की में निवेश करने का मौका

यमुना प्राधिकरण इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड लाएगा, आपको मिलेगा अपने शहर की तरक्की में निवेश करने का मौका

Tricity Today | Dr Arunvir Singh IAS

यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण (यीडा) इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड लाने की तैयारी कर रहा है। प्राधिकरण की रेटिंग तय करने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है। दो माह में रेटिंग मिल जाएगी। बॉन्ड से प्राधिकरण कोष का प्रबंध कर सकेगा और उसे बैंक से कर्ज लेने की जरूरत नहीं होगी। यीडा इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड लाने वाला देश का पहला ऐसा प्राधिकरण होगा।

यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण वीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण कई बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इनमें नोएडा एयरपोर्ट, परी चौक से जेवर तक मेट्रो, फिल्मसिटी, टॉय सिटी, अपैरल पार्क, एमएसएमई क्लस्टर, हैंडीक्राफ्ट पार्क आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ''इन परियोजनाओं पर काफी निवेश करने की जरूरत होगी। प्राधिकरण पर पहले ही 2,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। बैंकों से और ऋण लेने के बजाय बॉन्ड के जरिये कोष का इंतजाम करना बेहतर विकल्प है। 

अरुण वीर सिंह ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड से जुटाई गई राशि से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बॉन्ड लाने से पहले रेटिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रेटिंग तय करने वाली एजेंसी के रूप में ब्रिक वर्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण अपने क्षेत्र में 2024-25 तक बुनियादी ढांचे के विकास पर करीब 18 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगा। इसमें से करीब छह हजार करोड़ रुपये ग्रेटर नोएडा से नोएडा एयरपोर्ट तक मेट्रो पर खर्च होंगे। ढाई हजार करोड़ रुपये फिल्मसिटी पर खर्च होंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ने पर 4,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

गौतमबुद्ध नगर का यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण एक के बाद एक बंपर घोषणा कर रहा है। अब यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण इन्वेस्टमेंट बांड जारी करने वाला है। इसके लिए विकास प्राधिकरण में प्राइवेट एजेंसी ब्रिकवर्थ को नियुक्त किया है। एजेंसी विकास प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति का अध्ययन करके रेटिंग देगी। दरअसल, यमुना प्राधिकरण कई मेगा प्रोजेक्ट शुरू करने हैं और पूरे भी करने हैं। जिसके लिए भारी-भरकम पैसे की आवश्यकता है। प्राधिकरण बाजार से कर्ज उठाने की वजह है आम आदमी से निवेश हासिल करना चाहता है। बड़ी बात यह है कि देश में पहली बार कोई औद्योगिक विकास प्राधिकरण यह काम करने जा रहा है। अभी तक बड़े कारपोरेट घराने और केंद्र सरकार की नवरत्न कंपनियां इस माध्यम से पैसा अर्जित करती हैं।

यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक इन्वेस्टमेंट ग्राउंड से मिलने वाले पैसे का उपयोग जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट समेत कई दूसरी बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने में खर्च करेगी। देश में ऐसा करने वाला यह पहला औद्योगिक विकास प्राधिकरण होगा। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुण वीर सिंह ने इस योजना के बारे में कहा, "प्राधिकरण एक साथ कई मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण शुरू होने वाला है। साथ ही हवाई अड्डे के दूसरे चरण का काम शुरू हो जाएगा। दूसरे चरण के लिए विकास प्राधिकरण को भूमि का अधिग्रहण करना है है। इसके लिए करीब 8000 करोड रुपए की आवश्यकता होगी।। वर्ष 2024 में यहां से वायु यातायात शुरू हो जाएगा। उससे पहले जेवर तक मेट्रो ले जानी है। फिल्म सिटी परियोजना बड़ी महत्वकांक्षी है। उसके लिए भी पैसे की बड़ी जरूरत है। कई और विकास योजनाएं पाइप लाइन में हैं।"

इन्वेस्टमेंट बांड के बारे में डॉ.अरुण वीर सिंह ने कहा, "प्राधिकरण ने बाजार से महंगा कर्ज उठाने की बजाय आम आदमी से निवेश की मांग करने की योजना बनाई है। इसके लिए जल्दी ही निवेश बॉन्ड जारी किए जाएंगे। हमें कितना पैसा इन बांड से मिल सकता है, बांड की दर कितनी रखी जाएगी और बदले में निवेशकों को कितना रिटर्न वापस दे पाएंगे, यह आंकलन करने के लिए एक निजी एजेंसी को नियुक्त किया गया है। यह एजेंसी अगले दो महीनों में अपनी रिपोर्ट देगी। एजेंसी विकास प्राधिकरण को रेटिंग देगी। उसके बाद बांड जारी किया जाएगा। देश में पहली बार कोई औद्योगिक विकास प्राधिकरण निवेश बांड जारी करेगा।"

क्या होता है इन्वेस्टमेंट बांड

इन्वेस्टमेंट बॉन्ड निवेशक और निवेश हासिल करने वालों के बीच एक तरह का वित्तीय करार है। जिसमें निवेश हासिल करने वाला निकाय निवेशक को प्रमाणित रूप से बताता है कि वह उसके पैसे की एवज में तय अवधि में निश्चित दर से ब्याज देकर एकमुश्त धनराशि वापस लौटाएगा। इन्वेस्टमेंट बॉन्ड की परिपक्वता अवधि निर्धारित की जाती है। इस अवधि के बीच इन्वेस्टमेंट बॉन्ड निवेशकर्ता किसी अन्य व्यक्ति को बेच सकता है। उस पर कर्ज भी ले सकता है  हालांकि, निवेश हासिल करने वाली संस्था परिपक्वता अवधि पर ही निर्धारित धनराशि का भुगतान करती है। अगर कोई इन्वेस्टमेंट बॉन्ड बीच में खरीद लेता है तो परिपक्वता अवधि पर निवेश हासिल करने वाली संस्था क्रेता को भुगतान कर देती है।

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