यमुना प्राधिकरण अपने किसानों को लैंड पूलिंग के फायदे बताएगा, कंसल्टेंट की तलाश शुरू, जानिए क्या लाभ होगा

यमुना प्राधिकरण अपने किसानों को लैंड पूलिंग के फायदे बताएगा, कंसल्टेंट की तलाश शुरू, जानिए क्या लाभ होगा

यमुना प्राधिकरण अपने किसानों को लैंड पूलिंग के फायदे बताएगा, कंसल्टेंट की तलाश शुरू, जानिए क्या लाभ होगा

Tricity Today | Dr Arunvir Singh IAS

किसानों को लैंड पूलिंग योजना के फायदे बताने और जमीन का प्रबंधन करने के लिए यमुना प्राधिकरण लैंड मैनेजमेंट सिस्टम बनाएगा। इसके लिए यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) कम्पनी तलाश कर रहा है। अथॉरिटी ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) निकाल दिया है। 15 दिनों तक प्रस्ताव मांगे गए हैं। देश भर की कंपनियां इस काम के लिए आवेदन कर सकती हैं। फाइनल बिड खोलने से पहले प्री बिड कांफ्रेंस की जाएगी। इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है।

यमुना प्राधिकरण में आवासीय और औद्योगिक भूखंडों का आंवटन चल रहा है। प्राधिकरण जमीन भी खरीद रहा है। प्राधिकरण ने अब तक कितनी जमीन खरीदी है और कितनी आवंटित कर चुका है, इसका आंकड़ा उपलब्ध है। लेकिन जमीन को व्यवस्थित करने के लिए लैंड मैनेजमेंट सिस्टम की जरूरत है। इस सिस्टम के बन जाने से सभी जानकारी एक क्लिक पर मिल सकेगी। लैंड मैनेजमेंट सिस्टम बनाने के लिए प्राधिकरण ने आरएफपी निकाल दिया है। इसमें कंपनियां 15 दिनों तक अपने प्रस्ताव दे सकती हैं। 

यमुना प्राधिकरण अगले पांच साल के लिए कंपनी का चयन करेगा। इसके लिए कवायद शुरू हो चुकी है। लैंड मैनेजमेंट सिस्टम के लिए पहले एक कंपनी का चयन करने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन यह बात सिरे नहीं चढ़ी। लिहाजा, अब आरएफपी निकाला है।

यह लाभ मिलेगा

यमुना प्राधिकरण ने 29 गांवों में जमीन अधिग्रहण किया है। कुछ गांवों की पूरी जमीन ली जा चुकी है तो कुछ में आंशिक खरीद हुई है। इसका आंकड़ा प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी आ जाएगा। इसके अलावा लैंड मैनेजमेंट सिस्टम से यह भी पता चल सकेगा कि प्राधिकरण की जमीन पर कहां-कहां कब्जा है। इससे प्राधिकरण अपनी जमीन से कब्जा भी हटवा सकेगा।

किसान भी बेच सकेंगे जमीन

विकास योजनाओं में किसानों को भागीदार बनाने के लिए सरकार ने लैंड पूलिंग योजना शुरू की है। इस योजना में किसानों से जमीन ली जाएगी और विकसित करके उन्हें 50 प्रतिशत वापस कर दी जाएगी। इसमें  
80 प्रतिशत औद्योगिक, 12 ग्रुप हाउसिंग व 8 प्रतिशत व्यावसायिक उपयोग हो सकेगा। इस योजना को किसानों को बताने और उसके फायदे बताने के लिए एजेंसी काम करेगी। चयनित कंपनी इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करेगी।

इस पूरी व्यवस्था के बारे में यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुण वीर सिंह ने कहा, "लैंड मैनेजमेंट सिस्टम बनाने के लिए आरएफपी निकाला गया है। इसके जरिये कंपनी का चयन किया जाएगा। कंपनी का चयन पांच साल के लिए किया जाएगा। यह कंपनी विकास प्राधिकरण में बतौर कंसलटेंट और सर्विस प्रोवाइडर काम करेगी। जिससे प्राधिकरण को अपने लैंड डाटा की पूरी जानकारी रहेगी। साथ ही किसानों को भी उनकी जमीन के उपयोग के बारे में सलाह देगी।

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