Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
भले ही उत्तर प्रदेश सरकार बार-बार आदेश जारी कर रही है कि लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों पर फीस वसूली का दबाव नहीं बनाया जाएगा। राज्य के प्राइवेट स्कूल फीस नहीं बढ़ाएंगे। जिन बच्चों ने अप्रैल, मई और जून तिमाही की फीस जमा नहीं की है, उन्हें ऑनलाइन क्लासेज और परीक्षाओं से रोका नहीं जाएगा। लेकिन नोएडा के प्राइवेट स्कूलों के सामने यह सब आदेश बेमायने से लगते हैं। अब नोएडा के एक स्कूल ने अभिभावकों को सर्कुलर भेजकर कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्रों के यूनिट टेस्ट की जानकारी दी है। इसमें साफ-साफ लिखा गया है कि जिन छात्र-छात्राओं ने अप्रैल और मई महीनों की फीस जमा नहीं की है, उन्हें यूनिट टेस्ट में बैठने नहीं दिया जाएगा।
All Noida Schools Parents Association के महासचिव मनोज कटारिया ने बताया कि सरकार के आदेशों का स्कूल खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं। नोएडा के असीसी कॉन्वेंट स्कूल ने अपने एग्जाम के सर्कुलर में साफ-साफ कहा है कि जिन बच्चों की फीस नहीं जमा हुई है, स्कूल उनको यूनिट टेस्ट मे नहीं बैठायेगा। लॉकडाउन अवधि में अभिभावकों के रोजगार और व्यापार बंद पड़े हैं। ऐसे में बहुत सारे लोग फीस देने में असमर्थ हैं। अभिभावकों को स्कूल ने भारी झटका दिया है।
मनोज कटारिया का कहना है कि मिशनरी स्कूल ने बच्चों के साथ भी मानवता नहीं बरती हैं। जबकि, अल्पसंख्यकों के स्कूलों को भारी भरकम खैरात और छूट मिलती हैं। फिर भी स्कूल बच्चों के साथ भद्दा मजाक कर रहा है। मनोज कटारिया ने बताया कि एसोसिएशन की ओर से इस बारे में जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को जानकारी दे दी गई है हालांकि, अभी अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने करीब 2 सप्ताह पहले अभिभावकों की मांग पर एक शासनादेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा है कि लॉकडाउन पीरियड के 3 महीनों अप्रैल, मई और जून में कोई भी स्कूल अभिभावकों पर फीस वसूली का दबाव नहीं बनाएगा। इन तीन महीनों की फीस अभिभावक अगले महीनों में समायोजित करके दे देंगे। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि कोई भी स्कूल फीस नहीं जमा करने के कारण छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन क्लासेज और परीक्षाओं से वंचित नहीं करेगा। ऐसा करने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस बारे में गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी की ओर से भी दो बार अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। स्कूलों को कहा गया है कि अभिभावकों पर फीस वसूली का दबाव नहीं बनाएं। लयकीन, शासन और प्रशासन के यह आदेश नोएडा के प्राइवेट स्कूलों के सामने बहुत हल्के साबित हो रहे हैं।