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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिसंबर को मुंबई का दौरा करेंगे। योगी आदित्यनाथ वहां बॉलीवुड की दिग्गज हस्तियों के साथ एक बैठक करने जा रहे हैं। इसका मकसद ग्रेटर नोएडा में यमुना सिटी को रफ्तार देना है। इसके अलावा इस दौरे का एक दूसरा मकसद भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उनकी राजधानी में ही सन्देश देंगे। दरअसल, करीब 15 दिन पहले उद्धव ठाकरे ने चुनौती दी थी कि अगर किसी में हिम्मत है तो बॉलीवुड को मुंबई से ले जाकर दिखाएं।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनने वाली फिल्म सिटी को लेकर उम्मीदें और बढ़ गई हैं। अब खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमान संभाल ली है। वह दो दिसंबर को मुंबई के दौरे पर जा रहे हैं। वह कारोबारियों और फिल्म जगत से जुड़ी बड़ी हस्तियों के साथ मुलाकात करेंगे। उम्मीद है कि इस मुलाकात में फिल्म सिटी के लिए कई बड़ी नामचीन हस्तियां निवेश के लिए हामी भरेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2 दिसंबर को मुंबई जा रहे हैं। यमुना सिटी और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में निवेशकों का रुझान बढ़ा है। मुख्यमंत्री देश के बड़े कारोबारियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें प्राधिकरण अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। यमुना प्राधिकरण को उम्मीद है कि इस बैठक में कारोबारी उनके यहां आने के लिए हामी भरेंगे।
मुंबई दौरे के दौरान यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित होने जा रही फिल्म सिटी को लेकर चर्चा होगी। यह फिल्म सिटी एक हजार एकड़ में बसेगी। मुख्यमंत्री फिल्म जगत के लोगों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में फिल्म सिटी को लेकर कई घोषणाएं हो सकती हैं। साथ ही यहां पर फिल्म जगत से जुड़े कई दिग्गज यहां आने के लिए हामी भर सकते हैं। मुख्यमंत्री इससे पहले कई बड़े फिल्मकारों के साथ लखनऊ में बैठक कर चुके हैं। वहीं, फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर जेवर का दौरा कर चुके हैं।
इसके अलावा दौरे का एक राजनीतिक उद्देश्य भी है। पिछले दिनों फिल्म जगत की हस्तियों के साथ वर्चुअल मीटिंग में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नाम लिए बिना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला किया था। उद्धव ठाकरे ने कहा था कि बातें बनाने से कुछ नहीं होता है। अगर किसी में हिम्मत है तो बॉलीवुड को मुंबई से ले जाकर दिखाएं। अब योगी आदित्यनाथ मुंबई में यह बैठक करके उद्धव ठाकरे को साफ संदेश देना चाहते हैं कि बॉलीवुड और देश की फिल्म इंडस्ट्री पर किसी एक प्रदेश, नेता या पार्टी का एकाधिकार नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, "देश में कारोबार करने का सबको हक है। देश के किसी भी हिस्से में कोई भी कारोबारी अपना व्यापार कर सकता है। हर राज्य को अपने यहां निवेश आकर्षित करने का अधिकार है। हम मुंबई बड़े कारोबारियों और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश की नई निवेश नीति, फिल्म नीति और उद्योग नीति के बारे में बताएंगे। अगर कारोबारियों को अपना फायदा नजर आएगा तो वह यूपी क्यों नहीं आएंगे? उन्हें यहां आने से कौन रोक सकता है? अभी भी महाराष्ट्र के तमाम बड़े कारोबारियों ने उत्तर प्रदेश में बड़े निवेश किए हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारी किसी से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। हमारा मकसद अपने राज्य में ज्यादा से ज्यादा उद्योग लगाना है। हम यमुना फिल्म सिटी को देश ही नहीं दुनिया के चुनिंदा फिल्म निर्माण क्षेत्र में परिवर्तित करना चाहते हैं। इस बात से अगर कोई खुद ही परेशान होने लगे तो उसका हमारे पास कोई इलाज नहीं है।"