Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
ग्रेटर नोएडा के गलगोटिया इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग में बनाए गए क्वॉरेंटाइन होम से रविवार की रात एक युवक कूद गया था। युवक की मौत हो गई है। वह कोरोनावायरस का संदिग्ध मरीज था और उसे 14 दिनों के लिए यहां क्वॉरेंटाइन करके रखा गया था। जानकारी के मुताबिक रविवार की रात करीब 8:00 बजे युवक ने हॉस्टल से छलांग लगा दी। युवक को गंभीर हालत में अस्पताल में ले जाया गया। जहां उसने दम तोड़ दिया है। सूचना मिलने पर नॉलेज पार्क पुलिस मौके पर पहुंची है।
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा के गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को जिला प्रशासन ने अधिग्रहीत करके क्वॉरेंटाइन में विकसित किया है। यहां कोरोनावायरस से संदिग्ध संक्रमित लोगों को 14 दिनों के लिए रखा जा रहा है। फिलहाल, कॉलेज के हॉस्टल में 346 लोगों को क्वॉरेंटाइन करके रखा गया है।
जानकारी के मुताबिक इन्हीं लोगों में से एक युवक ने हॉस्टल से कूदकर सुसाइड करने का प्रयास किया। युवक को गंभीर हालत में क्वॉरेंटाइन का प्रबंधन देख रहे अधिकारियों ने आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती किया। जहां डॉक्टरों ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन उसकी मौत हो गई है। सूचना मिलने के बाद नॉलेज पार्क थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी। पुलिस और प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी भी गलगोटिया कॉलेज पहुंचे थे।
यह युवक नोएडा फेज-2 का निवासी था। इसे पहले गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के क्वारंटाइन होम में भर्ती किया गया था। वहां से गलगोटिया कॉलेज के हॉस्टल में ट्रांसफर किया गया था। यह भी बताया गया है कि युवक ने पहले भी आत्महत्या करने की धमकी दी थी। जिसके बाद उसकी काउंसलिंग की गई थी। बताया जा रहा है कि परिवार से अलग होने के कारण ही युवक तनाव महसूस कर रहा था।
यह गौतमबुद्ध नगर में ऐसा पहला मामला है, जिसमें संक्रमित या संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति ने आत्महत्या की है। इससे पहले दिल्ली में 2 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित होने के कारण आत्महत्या कर चुके हैं।
गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि रविवार की शाम मोहम्मद गुलज़ार नाम का व्यक्ति जिसकी उम्र लगभग 32 साल है, वह फेज-2 नोएडा का निवासी था। गुलजार ने गलगोटिया इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गए क्वॉरंटीन सेंटर की सातवी मंज़िल से कूदकर आत्महत्या कर ली है। इस व्यक्ति की करोना वायरस की टेस्टिंग की गई थी और रिपोर्ट प्रतीक्षारत है। इस प्रकरण की मजिस्ट्रियल इंक्वायरी का आदेश दिया गया है। यह जांच अपर ज़िला अधिकारी (प्रशासन) करेंगे।