गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर का 10 पॉइंट फॉर्मूला कामयाब, जानिए कैसे हुआ जीरो कम्प्लेंट इलेक्शन

मतदान के बाद : गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर का 10 पॉइंट फॉर्मूला कामयाब, जानिए कैसे हुआ जीरो कम्प्लेंट इलेक्शन

गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर का 10 पॉइंट फॉर्मूला कामयाब, जानिए कैसे हुआ जीरो कम्प्लेंट इलेक्शन

Tricity Today | पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह

Noida : गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद पहला चुनाव संपन्न करवाया गया है। हालांकि पिछले साल पंचायत चुनाव हुए थे लेकिन बेहद सीमित दायरे में वह चुनाव करवाया गया था। विधानसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया और मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया है। खास बात यह है कि यह इलेक्शन पूरी तरह जीरो कंप्लेंट रहा है। इसके लिए गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने एक 10 पॉइंट फार्मूला लागू किया था। जिसके शानदार परिणाम मिले हैं। जानिए पुलिस कमिश्नर का वह फार्मूला क्या था।

1. पुलिस 6 महीने से तैयारी कर रही थी : विधानसभा चुनाव के लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस पिछले 6 महीने से काम कर रही थी। कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा, "हमने पुरानी व्यवस्था से मिले डाटा और सूचनाओं को नए सिरे से सत्यापित किया। बीट, पुलिस चौकी और थाने से लेकर ऊपर तक पूरा सिस्टम चुनाव से जुड़ी तैयारी कर रहा था। मतलब, पूरी चुनावी व्यवस्था का ब्लूप्रिंट हम आचार संहिता लागू होने से पहले ही तैयार कर चुके थे।"

2. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की पहचान : पुलिस कमिश्नर ने बताया कि विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर ली थी। आचार संहिता लागू होने के तुरंत बाद एक बार फिर इन सारे क्षेत्रों का रिव्यू किया गया। कुछ और इलाके इन सूचियों में जोड़े गए। इसी के आधार पर फोर्स की तैनाती और सुरक्षा इंतजाम तय किए गए थे। इससे मतदान के दिन बहुत अच्छा नियंत्रण बनाने में कामयाबी मिली।

3. नकारात्मक छवि के लोगों को पहचाना गया : गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने गांव और मोहल्लों तक ऐसे लोगों की सूची तैयार की, जिनकी छवि नकारात्मक है। जो लोग किसी भी तरह चुनाव और मतदान को प्रभावित कर सकते हैं, उन्हें पहले ही पुलिस ने चिन्हित कर लिया था। पुलिस कमिश्नर ने कहा, "ऐसे सारे लोगों को हिदायत दी गई थीं। इनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गईं। जिन लोगों के बारे में शिकायत मिली, उन्हें रेड कार्ड जारी किए गए। आपराधिक किस्म के लोगों को पूरी तरह चुनाव से दूर रखा गया। इन लोगों को प्रचार में शामिल नहीं होने दिया गया। मतदान के दिन पोलिंग सेंटरों से दूरी बनाकर रखने की चेतावनी दी गई थी। जिससे पूरे जिले में कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।"

4. जिले के एंट्री-एग्जिट पॉइंट पर रही चौकसी : गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने जिले के सारे प्रवेश और निकास द्वारों पर पिछले एक महीने के दौरान चौकसी बढ़ाई थी। जिले से बाहर निकलने वाले और प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच की जा रही थी। अगर किसी व्यक्ति पर पुलिस को शक हुआ तो उसे रोककर तलाशी ली गई। पुलिस कमिश्नर ने कहा, "हमारा उद्देश्य रहा की चुनाव को प्रभावित करने वाला कोई भी व्यक्ति या वस्तु गौतमबुद्ध नगर में प्रवेश न करने पाए। लगातार चौकसी बरतने से पूरी कामयाबी मिली।"

5. सबसे ज्यादा कैश और शराब पकड़ी : चुनाव को प्रभावित करने के लिए शराब और पैसे का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने कहा, "हम लोगों ने पहले ही तय कर लिया था कि चुनाव में अवैध पैसे, शराब और हथियारों का उपयोग नहीं होने देंगे। इस बात को ध्यान में रखकर चुनाव से ठीक पहले सीमावर्ती राज्यों और जिलों के पुलिस अफसरों के साथ बैठक की गई थी। इस तैयारी का बहुत अच्छा फायदा मिला। हमने प्रथम चरण के चुनाव वाले 11 जिलों में सबसे ज्यादा अवैध धनराशि और शराब जब्त की है।

6. प्रशासन से शानदार समन्वय : गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने जिला प्रशासन से शानदार समन्वय किया। जिसकी बदौलत चुनाव से जुड़ी सूचनाएं पुलिस को निर्बाध रूप से मिलती रहीं। पुलिस कमिश्नर ने कहा, "हम लोगों ने मिलकर काम किया। सूचनाओं का आदान-प्रदान किया गया। जिससे रियल टाइम मॉनिटरिंग कर पाए। पुलिस और प्रशासन ने डाटा और इंफॉर्मेशन साझा किए। बूथ मैनेजमेंट से लेकर पोलिंग पार्टी मूवमेंट और इलेक्शन के सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ अच्छा समन्वय बनाया गया था। सारे मजिस्ट्रेट और पुलिस अफसरों ने मिलकर टीम की तरह काम किया है।"

7. फ्लैग मार्च किए और गश्त बढ़ाई गई : पुलिस ने चुनाव और मतदान को पूरी तरह सुरक्षित व शांतिपूर्ण संपन्न करवाने के लिए फ्लैग मार्च किए। जिन गांवों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील सूची में रखा गया था, वहां पुलिस ने दो-दो बार फ्लैग मार्च किए। गश्त बढ़ाई गई। कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा, "गांवों से आने वाली हर छोटी-बड़ी शिकायत और सूचना को गंभीरता से लिया गया। दरअसल, चुनाव के दौरान सामान्य घटनाएं भी बड़ा रूप ले लेती हैं। जिससे सीधा असर चुनाव प्रक्रिया पर पड़ता है। इस बात को ध्यान में रखकर पुलिस ने हर शिकायत को संजीदगी से लिया। त्वरित समाधान किए गए।"

8. मतदान के दिन अतिरिक्त संवेदनशील रही पुलिस : पुलिस कमिश्नर ने पूरी व्यवस्था को दो हिस्सों में बांटा था। मतदान से पहले और मतदान के दिन अलग-अलग ढंग से व्यवस्था लागू की गई थी। मतदान के दिन पुलिस कहीं ज्यादा सतर्क और संवेदनशील रही। पोलिंग स्टेशनों के अलावा गांवों, सेक्टरों और हाउसिंग सोसाइटीज में अंदर तक पुलिसकर्मी सक्रिय रहे। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। बेहद कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए इंतजाम किए गए थे। पुलिस कमिश्नर ने कहा, "हमने हर तरह की आपातकालीन परिस्थिति से निपटने की व्यवस्था की थी, किंतु मतदान से पूर्व वाली व्यवस्था बेहद सटीक ढंग से लागू हुई। जिसका यह फायदा मिला कि मतदान वाले दिन कोई परेशानी सामने नहीं आई। मतदान के दौरान मुझसे लेकर जिले में तैनात कॉन्स्टेबल तक पूरे दिन मूवमेंट में रहा।"

9. मतदान केंद्रों पर रुके पुलिस अधिकारी : पोलिंग पार्टियों के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंचे पुलिस बल के अलावा संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केंद्रों पर अलग से पुलिस अफसर तैनात किए गए थे। इन पुलिस अफसरों को मतदान से 2 दिन पहले ही गांवों में तैनात कर दिया गया था। सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर और एसीपी रैंक के पुलिस अफसरों ने गांव में ही रात्रि प्रवास किया। जिससे परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझने में सहूलियत रही। दूसरी ओर गांवों में पुलिस अफसरों की मौजूदगी से असामाजिक तत्व निष्क्रिय हो गए।"

10. जेवर सीट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती गई : पहले चरण में हमारे जिले की जेवर विधानसभा सीट को संवेदनशील माना गया। जेवर विधानसभा सीट हमारे नजरिए से भी हॉट थी। जेवर सीट के लिए अलग माइक्रोप्लान तैयार किया गया था। जिसे 100% लागू किया गया। इस तैयारी का नतीजा रहा कि गौतमबुद्ध नगर का इलेक्शन कंप्लेंट फ्री हुआ है।"

पुलिस आयुक्त ने आगे कहा, "मैं पुलिस के प्रत्येक जवान, अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं को धन्यवाद देता हूं। सभी ने अच्छा चुनाव लड़ा और समझदारी के साथ मतदान किया। हमें केवल असामाजिक तत्वों से ही सुरक्षित मतदान नहीं करवाना था बल्कि कोरोनावायरस से भी सुरक्षित रहकर मतदान करवाना था। इन दोनों चुनौतियों को हमने सफलतापूर्वक पार किया है।"

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