शातिर गैंग के 14 आरोपी गिरफ्तार, 5 नोएडा में धरे गए, फर्जी सिम और बैंक एकाउंट के जरिए करोड़ो का हेरफेर करते थे, जानें कैसे

यूपी एटीएस की बड़ी कार्रवाई : शातिर गैंग के 14 आरोपी गिरफ्तार, 5 नोएडा में धरे गए, फर्जी सिम और बैंक एकाउंट के जरिए करोड़ो का हेरफेर करते थे, जानें कैसे

शातिर गैंग के 14 आरोपी गिरफ्तार, 5 नोएडा में धरे गए, फर्जी सिम और बैंक एकाउंट के जरिए करोड़ो का हेरफेर करते थे, जानें कैसे

Tricity Today | शातिर गैंग के 14 आरोपी गिरफ्तार

यूपी एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक शातिर गैंग के 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 9 आरोपी लखनऊ में दबोचे गए हैं, जबकि 5 आरोपियों को एटीएस की गौतमबुद्ध नगर यूनिट ने नोएडा से गिरफ्तार किया। नोएडा से गिरफ्तार पांचों आरोपियों को लखनऊ भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह गैंग जालसाजी के जरिए दूसरों के डाक्यूमेंट्स हासिल कर उस पर सिम कार्ड खरीदता था। फिर उन सिम कार्ड्स के जरिए तमाम बैंकों में एकाउंट खोलकर बड़े स्तर पर पैसों का हेरफेर करता था। यूपी एटीएस लंबे समय से इन आरोपियों की तलाश में थी। इनकी गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस को कुछ अहम सुराग भी मिले हैं, जिसके आधार पर आगे की जांच की जा रही है। मामले में एक विदेशी नागरिक के संलिप्त होने के भी सबूत मिले हैं।

उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्‍यवस्‍था) प्रशांत कुमार और पुलिस महानिरीक्षक (एटीएस) जीके गोस्‍वामी ने रविवार को पत्रकारों को इस बारे में जानकारी दी। प्रशांत कुमार ने बताया कि पकड़े गये अपराधी सुनियोजित तरीके से गिरोह बनाकर फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर सिम खरीदते थे। फिर इन सिम का इस्तेमाल कर विभिन्‍न बैंकों में ऑनलाइन खाता खोलकर अवैध तरीके से पैसों का लेनदेन करते थे। 

भनक लगने पर यूपी एटीएस ने इस गिरोह के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया और इस गैंग के  14 सदस्यों को पकड़ने में  सफलता हासिल की। कुल 14 में से 9 आरोपियों को एटीएस लखनऊ ने गिरफ्तार किया है। इनके नाम मोहम्मद फहीम, सैमुल हसन, हरिओम अरोड़ा, प्रेम सिंह, चन्द्र किशोर, अंशुल कुमार सक्‍सेना, तरुण सूर्या, पीयूष वार्ष्‍णेय और प्रशान्त गुप्ता हैं। अन्‍य 5 अ‍पराधियों को एटीएस यूनिट नोएडा ने गिरफ्तार किया है। नोएडा में गिरफ़्तार किये गये अपराधियों को लखनऊ भेजा जा रहा है। इन अपराधियों से  पूछताछ की जा रही है। 

एडीजी ने बताया कि पकड़े गये अभियुक्‍तों को न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत कर पुलिस हिरासत में लिया जाएगा। जिससे, इनके अन्‍य सहयोगियों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मिल सके। अब तक की जांच में पता चला है कि ये अपराधी अवैध तरीके से हासिल की गई रकम का उपयोग गैरकानूनी और देश विरोधी गतिविधियों में करते थे। पकड़े गये आरोपियों के कब्‍जे से 250 सिम और बड़ी संख्‍या में उनके रैपर मिले हैं। 

कैसे देते थे काम को अंजाम
इस गिरोह‍ के काम करने के तरीके के बारे में प्रशांत कुमार ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जालसाजी से बैंक खाते खोलकर यह गिरोह अज्ञात स्रोत से स्‍थानांतरित की गई धनराशि को कार्डलेस पेमेंट मोड से एटीएम व अन्‍य माध्‍यमों से निकल लेते थे। गिरोह के सदस्‍य खाता खोलने और पैसे निकालने के लिए पहले से ही चालू सिम का इस्तेमाल करते थे। ये गैंग कई डिस्‍ट्रीब्‍यूटर और फुटकर विक्रेताओं से पहले से एक्टिव सिम हासिल करता था। इस गैंग का कनेक्शन ऐसे कई डिस्ट्रीब्यूटर और फुटकर सिम विक्रेताओं से भी है। डिस्‍ट्रीब्‍यूटर उक्‍त सिम को अपने यहां आने वाले ग्राहकों के पहचान पत्र व फोटो का दुरुपयोग कर उनकी जानकारी के बिना चालू करते थे।

प्री-एक्टिवेटेड सिम का इस्तेमाल करते थे
अभियुक्‍त प्रेम सिंह डिस्‍ट्रीब्‍यूटर और फुटकर विक्रेता से प्री-एक्टिवेटेड सिम (पहल से ही चालू हालत में सिम) लेकर दिल्‍ली में कई लोगों को बेचता था।  इससे इन्हें प्रति सिम 40 रुपये का अतिरिक्‍त लाभ मिलता था। प्रेम सिंह ने जुलाई, 2020 से जनवरी, 2021 तक तकरीबन 1500 प्री पेड एक्टिवेटेड सिम दिल्‍ली के लोगों को दिये हैं। हालांकि, पुलिस की पूछताछ में अभी और कई रहस्य सामने आने वाले हैं। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह से कई अहम जानकारियां मिलेंगी

विदेशी नागरिक भी शामिल
इस मामले में एक विदेशी नागरिक के शामिल होने की भी पुष्टि हुई है। इस विदेशी नागरिक ने प्रेम सिंह से फर्जी कागजों पर एक्टिव सिम कार्ड खरीदा था। फिर इस सिम कार्ड का उपयोग गैर कानूनी और अवैध कार्यों के लिए किया। इस विदेशी नागरिक ने भी कई बैंकों में खाते खोलकर अज्ञात स्रोतों से धनराशि स्‍थानांतरित की। फिर बाद में उस धनराशि को कार्डलेस पेमेंट मोड से एटीएम व अन्‍य माध्‍यमों से निकाल लेता था। मामले में संलिप्‍त विदेशी अभियुक्‍त के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

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