Noida News : गौतमबुद्ध नगर जिले के रियल एस्टेट सेक्टर और प्रॉपर्टी बाजार के लिए अच्छी खबर नहीं है। नोएडा शहर में काम कर रहे 15 बिल्डर लगभग डूबने के कगार पर पहुंच गए हैं। इनके खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में सुनवाई चल रही है। एनसीईआरटी के आदेश आने के बाद इन बिल्डरों की हाउसिंग परियोजनाओं में घर खरीदने वाले परिवारों का भविष्य तय होगा। सोमवार को नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) की ओर से शहर की 115 हाउसिंग परियोजना से जुड़ी सूचनाएं सार्वजनिक की गई हैं। जिससे यह जानकारी मिली है। इन सारे बिल्डरों पर अथॉरिटी के 4,233 करोड़ रुपए बकाया हैं। इनकी हाउसिंग परियोजनाओं में 24,980 फ्लैट खरीदार फंसे हुए हैं।
बुरे दौर में बड़ी-बड़ी हाउसिंग परियोजनाएं
नोएडा अथॉरिटी की ओर से सार्वजनिक किए गए डाटा से पता चलता है कि बड़ी-बड़ी हाउसिंग परियोजनाएं बुरे दौर से गुजर रही हैं। इनमें कई नामचीन बिल्डर शामिल हैं। मसलन, सुपरटेक लिमिटेड की दो बड़ी हाउसिंग परियोजनाएं एनसीएलटी में कार्यवाही का सामना कर रही हैं। अजनारा इंडिया लिमिटेड, रेड फोर्ट जहांगीर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड, ग्रेनाइट गेट प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड, शुभकामना बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, लॉजिक्स सिटी डेवलपर, 3-सी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, टुडे होम्स नोएडा प्राइवेट लिमिटेड और लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी डूबने के कगार पर खड़ी हुई हैं। इनमें फ्लैट खरीदने वाले हजारों परिवार परेशान हैं। दरअसल, अभी 24,980 खरीदार इन बिल्डरों की परियोजनाओं में फंसे हुए हैं। इन खरीदारों को उनके घर नहीं मिले हैं। जिन्हें घर मिल गए हैं, उनके नाम रजिस्ट्री नहीं हो पा रही हैं।
नोएडा अथॉरिटी के हजारों करोड रुपए फंस गए
इन परियोजनाओं में हजारों लोग घर खरीदकर फंस गए हैं तो दूसरी ओर नोएडा अथॉरिटी के हजारों करोड़ रुपए फंसे हुए हैं। दरअसल, नोएडा अथॉरिटी ने हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च करने के लिए साल 2009 से लेकर 2016 तक इन बिल्डरों को हजारों-लाखों वर्ग मीटर जमीन आवंटित की थी। बिल्डरों ने ना तो फ्लैट खरीदारों को घर बनाकर दिए और ना ही प्राधिकरण का अरबों रुपया चुकाया है। आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ हुई कार्रवाई में नोएडा अथॉरिटी को बकाया वसूली का हक नहीं मिला। ऐसे में इन कंपनियों से बकाया वसूली कैसे होगी? यह सोचकर प्राधिकरण के अफसर परेशान हैं।