Noida : उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत भारतीय फार्मास्यूटिकल फर्म की कफ सीरप के पीने से हो गई। इस घटना के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। केंद्रीय औषधि विभाग की टीम ने जिला औषधि विभाग सेक्टर-67 स्थित भारतीय दवा फर्म मैरियन बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित डाक 1-मैक्स कफ सिरप का नमूना का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है। विभाग ने निर्माता कंपनी की बनाई गई सीरप की जांच शुरू कर दी है। दवाई की सैंपल रिपोर्ट आने के बाद कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी।
उज्बेकिस्तान ने बयान जारी कर लगाए आरोप
उज्बेकिस्तान ने बयान जारी करते हुए दवाई कंपनी पर आरोप लगाया है कि इंडिया में बनी कफ सिरफ पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई है। तबीयत खराब होने के बाद मैरियन बायोटेक लिमिटेड की दवाई Doc-1 Max बच्चों को दी गई थी। जिसके कारण बच्चों की मौत हुई है। यह दवा नोएडा में बनाई जाती है। केंद्र सरकार ने उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत को इंडियन कफ सिरप से जोड़ने के बाद हताहत होने वाले बच्चों को लेकर रिपोर्ट मांगी है। दूसरी तरफ उज्बेकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओवरडोज दवा का सेवन और बिना डाक्टर की सलाह के दवा का सेवन करने के कारण बच्चों की मौत हुई है।
कंपनी पर मारा छापा
मिली जानकारी के मुताबिक, Doc-1 Max दवा मई 2021 में बनी हुई है। जिसकी एक्सपाइरी डेट वर्ष-2024 के अप्रैल तक है। विभाग के द्वारा किए गए जांच में सामने आया है कि कंपनी को बाहर दवा आपूर्ति करने की अनुमित प्राप्त है। यह अनुमित केंद्र सरकार से प्राप्त है। 18 बच्चों की मौत के बाद 4 टीमों की संयुक्त अधिकारी ने कंपनी में छापा मारा है। जहां कंपनी में बन रही दवाई का सैंपल लेकर सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेट्री को भेज गया है। इस मामले की जांच जारी है।