नोएडा स्पोर्ट्स सिटी में फंसे 20 हजार परिवारों के लिए बड़ी खबर, बहुत जल्दी होगा समाधान

NOIDA BREAKING : नोएडा स्पोर्ट्स सिटी में फंसे 20 हजार परिवारों के लिए बड़ी खबर, बहुत जल्दी होगा समाधान

नोएडा स्पोर्ट्स सिटी में फंसे 20 हजार परिवारों के लिए बड़ी खबर, बहुत जल्दी होगा समाधान

Tricity Today | Noida

Noida News : स्पोर्ट्स सिटी परियोजना (Noida Sports City Projects) में फंसे करीब 20 हजार परिवारों के लिए बड़ी खबर है। इन खरीदारों को राहत दिलाने के लिए पहली बार नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) में मैराथन बैठक हुई है। अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में करीब आठ घंटे तक बैठक चली। सेक्टर-150 के भूखण्ड नम्बर एससी-2 पर बनी स्पोर्टस सिटी परियोजना को लेकर मंथन हुआ। इस भूखंड पर 24 बिल्डरों की परियोजनाएं हैं। इनमें करीब 20 हजार फ्लैट हैं। बैठक में तय हुआ कि यहां क्या खेल सुविधाएं विकसित की गई हैं, यह ब्यौरा अगली बैठक में बिल्डर पेश करेंगे।

करीब 10 वर्षों से लटकी है परियोजना
बिल्डरों को निर्देश दिए गए हैं कि स्पोर्टस सिटी की सुविधाओं को लेकर इंटीग्रेटिड प्लान तैयार करें और रिवाइज प्लान प्रस्तुत करें। प्राधिकरण अधिकारियों का दावा है कि स्पोर्टस सिटी के इस हिस्से का समाधान होते ही बाकी परियोजना का भी इसी तर्ज पर निराकरण हो जाएगा। आपको बता दें कि सेक्टर-78, सेक्टर-79, सेक्टर-101, सेक्टर-150 और सेक्टर-152 में नोएडा प्राधिकरण करीब 10 साल पहले स्पोर्टस सिटी की योजना लेकर आया था। इस परियोजनाओं में आवंटित भूखंड के 70 प्रतिशत हिस्से में खेल सुविधाएं विकसित करनी थीं। बाकी में आवासीय, व्यावसायिक और संस्थागत संपत्ति तैयार करनी थीं।

प्रोजेक्ट पर सीएजी ने 13 आपत्तियां लगाईं
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद पिछली सरकारों के दौरान प्राधिकरण में हुए कामकाज की जांच का आदेश दिया गया। महालेखा परीक्षक ने नोएडा अथॉरिटी में भूमि आवंटन से लेकर नीतियों में किए गए व्यापक बदलाव की समीक्षा की। सीएजी ने स्पोर्ट सिटी परियोजनाओं में खेल सुविधाएं विकसित नहीं करने, सस्ती दरों पर जमीन का आवंटन करने और बकाया नहीं देने समेत कई गंभीर टिप्पणी कीं। सीएजी ने 13 आपत्तियां लगाई हैं और 10 हजार करोड़ रुपये का घोटाला होना बताया है। सीएजी की आपत्तियों के बाद नोएडा प्राधिकरण ने जनवरी 2021 में हुई बोर्ड बैठक में स्पोर्टस सिटी परियोजनाओं के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगा दी थी। 

अधर में लटक गए 20 हजार परिवार
नोएडा अथॉरिटी के इस फैसले से फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री रुक गईं। इसके बाद प्राधिकरण स्तर पर कमेटी के गठन से लेकर शासन के बीच कई बार बातचीत हुई लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। लंबे समय बाद बैठक हुई। मानकों के तहत स्पोर्टस सिटी परियोजना को पूरा कराने और खरीदारों को राहत दिलाने के लिए यह महत्वपूर्ण बैठक हुई है। अपर मुख्य सचिव और नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन अरविंद कुमार की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। जिसमें सेक्रेटरी सुजाता, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक अनूप श्रीवास्तव, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, दोनों एसीईओ सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए। बैठक सुबह साढ़े नौ बजे से शाम करीब छह बजे तक चली। बैठक में अभी सारे सेक्टरों में विकसित हो रहीं स्पोर्टस सिटी परियोजनाओं की बजाय सिर्फ सेक्टर-150 के एससी-2 भूखंड को लेकर चर्चा हुई है।

सेक्टर-150 की स्पोर्ट सिटी में 24 हिस्सेदार हैं
सेक्टर-150 के इस भूखंड के 24 सबडिवीजन हो चुके हैं। इन भूखंड पर लैंड क्राफ्ट, बिल्डवॉल, विशटाउन, लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन, ग्रेवाल, ब्रिक टाउन, वंडरर्स, एलियोर डेवलपर्स, रेवरेंट, फेस्ट होम्स, प्रेस्टीज, टाटा, गोदरेज आदि बिल्डरों की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं या काम चल रहा है। बैठक में ये बिल्डर या इनके प्रतिनिधि मौजूद थे। इन बिल्डरों ने परियोजनाओं का ब्योरा पेश करते हुए अपने तर्क दिए हैं। इन 24 भूखंड में करीब 20 हजार फ्लैट बनने हैं या बन रहे हैं। इनमें से 10 हजार फ्लैट वाले टावरों के नक्शे को प्राधिकरण मंजूरी दे चुका है लेकिन यहां एक भी फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हो सकी है। इस भूखंड पर नोएडा प्राधिकरण का करीब 2 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं।

प्राधिकरण अधिकारियों की मानें तो बैठक में सेक्टर-150 स्थित इस परियोजना को लेने की वजह यह है कि यहां पर समस्याएं कम हैं और काफी निर्माण हो चुका है। इसके अलावा खेल सुविधाएं विकसित होनी शुरू हो गई हैं। जिनमें गोल्फ कोर्स, स्पोर्टस अकेदमी, मल्टीपर्पज प्ले फील्ड तैयार करने का काम शुरू हो चुका है।

इन 6 बिंदुओं पर चर्चा हुई
1. सीएजी की आपत्तियां
2. खेल सुविधाएं विकसित करने के लिव भविष्य की योजनाएं
3. कैसे-कैसे प्रोजेक्ट की विकसित करेंगे
4. कौन सी खेल संस्था से कसंल्टेंसी लेंगे
5. मानकों के अनुरूप विकसित करने के लिए सरकारी संस्था से मंजूरी
6. बकाया कब तक देंगे आदि बिंदुओं पर चर्चा हुई।

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