Tricity Today | नोएडा के डंपिंग ग्राउंड में लगी आग
Noida News : नोएडा के सेक्टर-32 में शहर के डंपिंग ग्राउंड में चार दिनों से आग लगी हुई है। फायर ब्रिगेड की 30 गाड़ियां और 250 फायरमैन इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हैं। इस आग की वजह से नोएडा का पॉल्यूशन लेवल खतरनाक स्तर पर है। जिससे करीब 10 लाख लोग परेशान हैं।
हवा से नहीं हो पा रहा काबू
गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने बताया कि थाना सेक्टर-24 के अन्तर्गत सेक्टर-32 के डंपिंग ग्राउंड में गुरुवार की शाम करीब 6:00 बजे से कूड़े के ढेर में आग लगी हुई है। यह कूड़े का ढ़ेर काफी बड़ा है। इसमें डंपिंग गड्ढा भी है, जो घास, पत्तों, लकड़ी की टहनियों और कूड़े आदि से दबी हुई है। बुझने पर भी दोबारा हवा से लगातार सुलग कर बढ़ जाती है।
30 गाड़ियां और जेसीबी मशीन मौके पर
पुलिस ने बताया कि फायर सर्विस की 30 गाड़ियां और जेसीबी मशीन की मदद से आग बुझाने का कार्य लगातार युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। फायर सर्विस, पुलिस, प्रशासन और अथॉरिटी के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। सर्तक दृष्टि रखी जा रही है। फिलहाल आग काबू में है। कोई जनहानि नहीं हुई है।
गुरुवार की शाम 6:00 बजे लगी आग
सेक्टर-24 थाना क्षेत्र अंतर्गत सेक्टर-32 में नोएडा प्राधिकरण का डंपिंग ग्राउंड है, जहां पर गुरुवार की शाम करीब 6:00 बजे आग लगी थी। सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस टीम और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। आग को करीब 65 घंटे हो गए हैं, लेकिन काबू नहीं पाया गया है। अभी तक लाखों लीटर पानी आग को बुझाने में बर्बाद किया जा चुका है। उसके बावजूद भी कामयाबी हासिल नहीं हुई है। मौके पर दमकल विभाग की करीब 12 गाड़ियां मौजूद है। नोएडा शहर की प्राइवेट एजेंसी को भी मदद के लिए बुलाया गया है।
लोगों की जिंदगी आफत में आई
नोएडा के दमकल विभाग अधिकारी का कहना है कि हवा नहीं चलने की वजह से निचली सतह पर अभी थोड़ी बहुत आग बची हुई है, जिसकी वजह से लगातार धुंआ उठ रहा है। इस आग की वजह से नोएडा के लाख लोग परेशान हैं। लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी है, लोगों की जिंदगी आफत में आ गई है। प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है। प्रदूषण होने की वजह से आंखों में जलन और झनझनाहट हो रही है।
बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह धुंधा चिंताजनक
इस आग की वजह से अस्थमा और दिल के मरीजों की समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि आसपास में स्थित घरों में रहने वाले लोग परेशान हो सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा यह धुंधा गर्भवती महिलाओं को परेशानी दे सकता है। दिल के कमजोर मरीजों के लिए भी यह धुंधा काफी चिंताजनक है।