होली से पहले फ्लैट खरीदारों को मिलेगा मालिकाना हक, नोएडा में 37 बिल्डर करेंगे रजिस्ट्री शुरू

खुशखबरी : होली से पहले फ्लैट खरीदारों को मिलेगा मालिकाना हक, नोएडा में 37 बिल्डर करेंगे रजिस्ट्री शुरू

होली से पहले फ्लैट खरीदारों को मिलेगा मालिकाना हक, नोएडा में 37 बिल्डर करेंगे रजिस्ट्री शुरू

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Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लाखों घर खरीदार (Home Buyers) कई सालों से परेशान हैं। बिल्डरों को पैसा देने के बावजूद उनको अपना हक नहीं मिल रहा है। कई प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हुए हैं। शनिवार और रविवार को घर खरीदार रजिस्ट्री को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में बिना रजिस्ट्री वाले फ्लैट में रह रहे लोगों के लिए जरूरी खबर है। करीब 7 हजार लोगों को होली से पहले फ्लैटों का मालिकाना हक मिल जाएगा। नोएडा के 9 प्रोजेक्ट के बिल्डरों ने 25 प्रतिशत धनराशि के 30 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। उनके फ्लैटों की रजिस्ट्री शुरू होने जा रही है। प्राधिकरण चौपाल लगाकर इन फ्लैटों की रजिस्ट्री कराएगा। इसके अलावा कुल 37 बिल्डरों ने 25 प्रतिशत बकाया जमा कराने की सहमति दी है। बकाया जमा कराने के बाद संबंधित प्रोजेक्टों में भी रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी।

30 करोड़ रुपया जमा
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ.लोकेश एम ने बताया कि अमिताभकांत समिति की सिफारिशों को मानते हुए कुल बकाये की 25 प्रतिशत धनराशि जमा करने के लिए अभी तक 37 बिल्डरों ने सहमति दे दी है। सात बिल्डरों ने बकाये की धनराशि का 25 प्रतिशत करीब 30 करोड़ रुपया जमा भी करा दिया है। इनमें वह बिल्डर भी शामिल हैं, जिन्होंने स्कीम का लाभ लिया तो कम बकाया होने के कारण उनके ड्यूज शून्य हो गए थे।

चौपाल लगाकर होगी रजिस्ट्री 
सीईओ ने बताया कि सहमति देने वाले अन्य बिल्डरों को जीरो पीरियड का लाभ देते हुए कुल बकाये के संबंध में जानकारी दे दी गई है या फिर उनके बकाये का आंकलन किया जा रहा है। इन बिल्डरों के द्वारा भी अगले 60 दिनों में जब कुल बकाए का 25 प्रतिशत पैसा जमा करा दिया जाएगा, तब उनके प्रोजेक्टों में भी रजिस्ट्री शुरू होगी। फिलहाल, वह एक मार्च से पांच बिल्डर प्रोजेक्टों पर चौपाल लगाकर रजिस्ट्री शुरू कराने जा रहे हैं। इन बिल्डर प्रोजेक्टों में करीब सात हजार लोगों की रजिस्ट्री कर उन्हें फ्लैटों का मालिकाना हक सौंप दिया जाएगा।

अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें मंजूर
नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 31 मार्च 2023 को किया गया था। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था। इस कमेटी ने बिल्डर्स से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की। सरकार ने उस रिपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को भेजा था। अधिकारियों के मुताबिक, सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का निर्णय लिया है।

कमेटी की जरूरत क्यों पड़ी? 
नोएडा के साथ ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में आने वाले दर्जनों बिल्डर्स के तमाम प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हैं। किसी के पास फंड की कमी है तो किसी का प्राधिकरण पर बकाया है। इसके अलावा कई बिल्डर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं। कुछ प्रोजेक्ट कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसे हैं। इन्हीं समस्याओं का समाधान करने के लिए अमिताभ कांत समिति बनाई गई।

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