Noida News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित जलपुरा निवासी मुर्सलीन की पत्नी हिना परवीन असहनीय दर्द से तड़पती हुई जिला अस्पताल सेक्टर-39 पहुंची। उन्हें उम्मीद थी कि तुरंत इलाज मिलेगा, लेकिन वहां की स्थिति ने उनकी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया। हिना परवीन को बिना किसी चेकअप के ही डॉक्टर ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।
क्या है पूरा मामला
सुबह करीब 12 बजे जब मुर्सलीन अपनी पत्नी को अस्पताल लेकर पहुंचे तो रूम नंबर-16 में लगभग एक घंटे तक इंतजार करने के बाद भी डॉक्टर ने हिना का चेकअप नहीं किया। डॉक्टर ने बिना किसी मुआयना के ही हिना को दिल्ली रेफर कर दिया। जब ऐम्बुलेंस के लिए फोन किया गया तो उसे आने में डेढ़ घंटे का समय लगने की बात कही गई। इस बीच हिना दर्द से कराहती रही और कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया। जबकि 108 एंबुलेंस कॉल करने पर आधे घंटे में पहुंचना होता है।
मजबूरी में लिया कठिन निर्णय
ऐसे में मुर्सलीन ने अपनी पत्नी की बिगड़ती हालत को देखते हुए एक कठिन निर्णय लिया। उन्होंने हिना को बाइक पर बिठाने के लिए लोगों की मदद से उसकी चुनरी से उसे अपनी पीठ से बांध लिया और उसे पास के एक निजी अस्पताल ले गए। वहां महंगा इलाज कराने को मजबूर होना पड़ा।
आर्थिक तंगी और सरकारी अस्पताल की बदहाली
मुर्सलीन ने रोते हुए बताया कि उनकी पत्नी को कैल्शियम की कमी के कारण अकड़न और असहनीय दर्द होता है। चार माह पहले हिना ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था, जिनकी देखभाल भी मुश्किल हो रही है। मजदूरी कर परिवार चलाने वाले मुर्सलीन के पास निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं। सरकारी अस्पताल से उम्मीद थी कि उन्हें उचित इलाज मिलेगा, लेकिन वहां की लापरवाही ने उन्हें निराश कर दिया।
कैसे होगा सरकारी अस्पतालों का सुधार
इस घटना ने सरकारी अस्पतालों की बदहाली और लापरवाही को उजागर किया है। लोगों का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे उन्हें निजी अस्पतालों की महंगी सेवाओं का सहारा लेना पड़ता है। ऐसी घटनाएं सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता पर जोर देती हैं, ताकि आम जनता को सही समय पर और उचित इलाज मिल सके।