नोएडा-ग्रेटर नोएडा (Noida-Greater Noida) में अब ऐसी बस नहीं चलेंगी। नोएडा रेल मेट्रो कॉरपोरेशन (NMRC) ने बुधवार को कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया है। इन बसों के संचालन से हर महीने करीब 3 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा था। जिसके चलते एनएमआरसी ने यह बड़ा फैसला लिया है। अब नोएडा-ग्रेटर नोएडा में NMRC मिनी बस चलाने की योजना बना रहा है।
14 फरवरी 2016 को शहर में 50 एसी बसों का संचालन किया गया था। एनएमआरसी की रिपोर्ट के मुताबिक उसी दौरान 50 अन्य सामान्य बसों का भी संचालन होना था। लेकिन वह शुरू नहीं हो सकी। सभी सेक्टरों को मेट्रो स्टेशन (Metro Station) से जोड़ते हुए बसों के करीब 14 रूट तैयार किए गए थे। करीब साढे 3 साल तक यह एसी बसें लगातार चलती रही थी।
कोरोना काल के दौरान 22 मार्च 2020 से शहर में बसों का संचालन रुक गया था। लेकिन उससे पहले ही इन बसों में सवारिया कम थी। लगातार बस ऑपरेटर की लापरवाही समेत कई मुद्दों पर जांच भी की गई थी। इन बसों में कुछ लापरवाही और कुछ यात्रियों को नहीं बैठने के कारण अब एनएमआईसी ने इन बसों का अनुबंध समाप्त कर दिया है। यह बसें पुणे की कंपनी की थी।
एनएमआरसी की प्रबंधक रितु माहेश्वरी का कहना है कि कंपनी के साथ पूर्ण रूप से अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। जिसका सबसे बड़ा कारण यह था कि इन बसों के चलने से हर महीना एनएमआरसी को करीब 3 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा था। बिना बात के इन बसों के मेंटेनेंस के लिए रुपए जा रहे थे। बार-बार बसों के ऑपरेटर अधिकारी को चेतावनी देने के बावजूद भी लगातार लापरवाही सामने आ रही थी। उनकी लापरवाही के कारण एनएमआरसी की जेब पर भोज पड़ रहा था।
NMRC के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कंपनी को काफी फायदा पहुंचाने का प्रयास किया था। एसी बस के संचालन के लिए 99 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से दरें तय की गई। इसके अलावा एनएमआरसी ने कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उनकी काफी शर्ते मानी भी थी। लेकिन लगातार घाटा होने के कारण यह फैसला लिया गया है।