ट्विन टावर मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू, 20 अधिकारियों के नाम शामिल

नोएडा : ट्विन टावर मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू, 20 अधिकारियों के नाम शामिल

ट्विन टावर मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू, 20 अधिकारियों के नाम शामिल

Tricity Today | Supertech Twin Tower

Noida News : नोएडा सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट में बने अवैध ट्विन टावर के मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों की जांच शुरू हो गई है। साथ ही ट्विन टावर को गिराने का निर्णय हो सकता है। नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ को शासन ने विभागीय जांच के लिए जांच अधिकारी बनाया है। जांच बैठने पर सेवानिवृत्त 20 अधिकारियों की पेंशन रुक सकती है। वही, केंद्रीय भवन अनुसाधन संस्था (सीबीआरआई) के सुझाव को प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिल्डर को भेज दिया है। भेजे गए सुझावों को बिल्डर ने टावरों को गिराने की चुनी हुई कंपनी को बता दिया है। 

20 अधिकारियों की रुक सकती है पेंशन 
ट्विन टावर मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। जिसके लिए नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ को जांच अधिकारी बनाया गया है। एसआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद 24 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। जिला न्यायालय में परिवाद भी दाखिल हो चुका है। अधिकारियों ने बताया कि 24 में से 20 अधिकारी सेवानिवृत्त कर दिए हैं, जबकि 20 को निलंबित किया जा चुका है। जांच के आगे बढ़ने पर 20 अधिकारियों की पेंशन रुक सकती है। 

कार्यरत अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिए प्राधिकरण को प्रशासन से मंजूरी लेनी होती है। सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों की विभागीय जांच के लिए प्राधिकरण को राज्यपाल से मंजूरी लेनी होगी। वहीं, शासन ने प्राधिकरण को 8 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की मंजूरी का पत्र भेजा है। बाकी के खिलाफ जांच अधिकारियों को जांच शुरू करने के लिए मंजूरी लेनी होगी। 

"वाटरफॉल इंप्लोजन कौलेप्स मैकेनिज्म" से गिराया जाएगा ट्विन टावर को 
साथ ही ट्विन टावर को गिराने के लिए केंद्रीय भवन अनुसाधन संस्था (सीबीआरआई) के सुझावों को प्राधिकरण ने बिल्डर को भेज दिया है जिनको बिल्डर ने टावरों को गिराने के लिए चुनी गई कंपनी को बता दिया है बताया जा रहा है कि एडफिस कंपनी के विशेषज्ञ इन सुझावों की अवलोकन कर रही है। अगर कंपनी इन सुझावों को अपने एक्शन प्लान में शामिल कर लेती है तो जल्द ही टावर को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। 

सुप्रीम कोर्ट ने टावर को तोड़ने के लिए दिए आदेश की तारीख को गुजरे हुए काफी वक्त हो चुका है। लेकिन अभी तक टावर को गिराने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। ऐसे में बिल्डर ने टावर को ध्वस्त करने के लिए अमेरिकन कंपनी एडफिस का सुझाव दिया था। जिसके बाद कंपनी ने प्राधिकरण को टावरों को गिराने का एक्शन प्लान सौंप दिया था। यह कंपनी इससे पहले ऐसी ही जोहानसबर्ग में 108 मीटर ऊंची इमारत को गिरा चुकी है। दोनों इमारतों के बीच की दूरी 8 मीटर थी। वही, ट्विन टावर की ऊंचाई 100 मीटर की है और दोनों टांगों के बीच की दूरी 9 मीटर है। कंपनी ने एक्शन प्लान में बताया कि वह टावरों को "वाटरफॉल इंप्लोजन कौलेप्स मैकेनिज्म" से गिर आएगी। यह पूरी तरह से कंट्रोल ब्लास्ट होता है। इससे इमारत उसी तरह नीचे गिरेगी जैसे झरने से पानी नीचे गिरता है।

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