50 मेगावाट डेटा पार्क के लिए मिली 10 एकड़ जमीन, प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में दी मंजूरी 

नोएडा में अडानी ग्रुप को बड़ी सफलता : 50 मेगावाट डेटा पार्क के लिए मिली 10 एकड़ जमीन, प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में दी मंजूरी 

50 मेगावाट डेटा पार्क के लिए मिली 10 एकड़ जमीन, प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में दी मंजूरी 

Google Image | अडानी

Noida News : नोएडा में अडानी ग्रुप (Adani Group) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अडानी समूह को सेक्टर 80 में 10 एकड़ जमीन के उप-पट्टे की मंजूरी दे दी है। यह जमीन 50 मेगावाट के हाइपरस्केल डेटा पार्क के विकास के लिए दी गई है। यह परियोजना अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Limited) और एजकॉनेक्स के संयुक्त उद्यम, अडानीकॉनेक्स द्वारा स्थापित एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी), नोएडा डेटा सेंटर लिमिटेड द्वारा विकसित की जाएगी।

70 करोड़ रुपये में दी गई जमीन 
यह निर्णय राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद लिया गया है। प्राधिकरण ने पहले एईएल के उप-पट्टे के अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनके समझौते में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। 12 अप्रैल, 2021 को एईएल को 70 करोड़ रुपये में यह जमीन दी गई थी, जिस पर उन्हें छह साल में डेटा सेंटर स्थापित करना था। इस साल 7 मार्च को, एईएल ने प्राधिकरण से भूमि कोफ्री उप-पट्टे पर देने की अनुमति मांगी थी। उनका दावा था कि 2022 की संशोधित सरकारी नीति उन्हें ऐसा करने की अनुमति देती है।

बोर्ड बैठक में दी मंजूरी 
हालांकि, प्राधिकरण की एक समिति ने इस आवेदन के खिलाफ सिफारिश की थी। लेकिन एईएल ने अपनी याचिका को आगे बढ़ाया और इस बार औद्योगिक विकास विभाग तक पहुंचा। आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने इस मामले में डेटा सेंटर नीति को प्राथमिकता देने की सिफारिश की। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि अडानी एंटरप्राइजेज को पहले भी एक आईटी/आईटीईएस परियोजना के लिए सेक्टर 62 में एक संस्थागत भूखंड के लिए एसपीवी को सब-लीज की अनुमति दी गई थी। इस प्रकरण ने भी वर्तमान निर्णय को प्रभावित किया होगा। अंत में, पिछले महीने प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई और फिर मंजूरी दे दी गई। यह निर्णय दिसंबर 2022 में संशोधित डेटा सेंटर नीति के अनुरूप लिया गया है।

इस निर्णय का महत्व :
1. यह परियोजना नोएडा में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी।
2. इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
3. यह भारत के डेटा सेंटर हब बनने के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा।

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