अच्छे लॉ एंड ऑर्डर की बदौलत नोएडा को 40 करोड़ मिले, लक्ष्मी सिंह ने कहा- महिला का मतलब कमजोर नहीं

एडीजी आलोक सिंह बोले : अच्छे लॉ एंड ऑर्डर की बदौलत नोएडा को 40 करोड़ मिले, लक्ष्मी सिंह ने कहा- महिला का मतलब कमजोर नहीं

अच्छे लॉ एंड ऑर्डर की बदौलत नोएडा को 40 करोड़ मिले, लक्ष्मी सिंह ने कहा- महिला का मतलब कमजोर नहीं

Tricity Today | Alok Singh and Laxmi Singh

Greater Noida : एडीजी आलोक सिंह (ADG Alok Singh) का धन्यवाद और पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह (Police Commissioner Laxmi Singh) का स्वागत नोएडा मीडिया क्लब (Noida Media Club) ने शनिवार को किया। यह कार्यक्रम ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में स्थित बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) में हुआ। जिसमें जिले के पत्रकार शामिल हुए। इस दौरान जिलेभर के लोगों ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। नवागत पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने अपनी पुलिसिंग की योजना पेश की। इस कार्यक्रम में गौतमबुद्ध नगर के सभी पत्रकार, तमाम सामाजिक संगठन, आरडब्लूए, एओए और बिजनेसमैन शामिल हुए। सभी ने पिछले 3 साल के दौरान नोएडा पुलिस कमिश्नरेट के कार्यों की समीक्षा की। शहर के लोगों ने लक्ष्मी सिंह के सामने वर्तमान मुद्दे रखे और उनका समाधान करने की अपील की।

3 सालों में हुआ 40 हजार करोड़ का निवेश
अलोक सिंह ने कहा, "मुझे यह कहते हुए गर्व महसूस होता है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जिस उद्देश्य के साथ गौतमबुद्ध नगर में कमिश्नरेट का गठन किया था, वह पूरा हुआ है। आज गौतमबुद्ध नगर सुरक्षित हाथों में है। तीन साल पहले जिले से कोई भी व्यक्ति रात के 8:00 बजे के बाद अपने घर से नहीं निकलता था, लेकिन आज यह वही नोएडा है। जहां पर पिछले 3 सालों के दौरान 40 हजार करोड़ का निवेश हुआ है। आज के समय में नोएडा पुलिस उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक पुलिस में से एक मानी जाती है। पिछले 3 सालों में नोएडा पुलिस ने 1961 से चलती आ रही व्यवस्था को बदला है।

"बेटे की बात सुनकर ली गौतमबुद्ध नगर को बदलते की शपथ"
आलोक सिंह ने आगे कहा, "जब मुझको उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने नोएडा का पुलिस कमिश्नर बनाया तो मुझे इसका बिल्कुल भी अनुभव नहीं था, मुझे यह नहीं पता था कि कमिश्नर सिस्टम कैसे चलाया जाता है? सब कुछ नया था, लेकिन बदलाव की भी आवश्यकता थी। एक दिन मेरा बेटा रात को करीब 8:00 बजे के बाद दिल्ली में अपने दोस्तों से मिलने की बात करने लगा। जब मैंने अपने बेटे से कहा कि अपने दोस्तों को यहीं नोएडा में बुला लो तो मेरे बेटे ने जवाब दिया कि पापा रात के 8:00 बजे के बाद कोई मां-बाप अपने बच्चों को नोएडा में नहीं आने देता है। उसी दिन मैंने ठान लिया था कि मुझे इस व्यवस्था को बदलना ही है। उस दिन मैंने शपथ ली थी कि कुछ भी हो जाए, लेकिन मैं इस व्यवस्था को बदलकर रहूंगा और आज पूरी रात नोएडा शहर चलता है। रात के समय में भी लोग नौकरी करते हैं और सड़कों पर घूमते हैं। आज गौतमबुद्ध नगर की जनता रात के समय में सड़क पर अपने आप को सुरक्षित महसूस करती है। जिसका इसका श्रेय नोएडा पुलिस के एक-एक सिपाही को जाता है।"

"मैं अधिकारी बनकर लोगों की सेवा करती हूं, महिला नहीं"
नोएडा की नवागत पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा, "मेरा प्रयास रहेगा कि तेजी से उभरते हुए और आगे बढ़ते हुए विश्व के प्रसिद्ध शहरों की विकास की गति को छुआ जाए। इस शहर के नागरिकों को इंटरनेशनल स्तर का रिस्पांस पुलिस द्वारा दिया जाए। अगर शहर मेरे साथ चलेगा तो पुलिस भी आपके साथ चलेगी। मेरा उद्देश्य है कि नोएडा पुलिस को इंटरनेशनल स्तर की पुलिस बनाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की मंशा को पूरा किया जाए।" लक्ष्मी सिंह ने आगे कहा, "जब मैं काम करती हूं तो यह मत सोचना कि मैं महिला हूं। मैं एक अधिकारी बनकर लोगों की सेवा करती हूं। मुझे कमिश्नर के रूप में बिल्कुल भी महिला मत समझना। जब मैं अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करती हूं तो मैं खुद ही भूल जाती हूं कि मैं महिला हूं।"

यह योगी आदित्यनाथ का सपना था, जो पूरा हुआ : पंकज पाराशर 
नोएडा मीडिया क्लब अध्यक्ष पंकज पाराशर ने कहा, "मैं दो बात अपनी रखूंगा और एक बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रखूंगा। उससे पता चल जाएगा कि गौतमबुद्ध नगर की अहमियत क्या है? जब मुख्यमंत्री गौतमबुद्ध नगर आए तो उन्होंने एक अपनी बात कही थी। उन्होंने कहा कि मजबूत पुलिस और सशक्त पुलिस एक अच्छी कानून-व्यवस्था देती है, एक अच्छी कानून व्यवस्था अच्छे उद्यमी देती है, अच्छे उद्यमी अच्छी अर्थव्यवस्था देते हैं और एक अच्छी अर्थव्यवस्था समृद्धि देती है। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार गौतमबुद्ध नगर में ही उनको यह बात बोलने की क्या आवश्यकता थी?" 

"आलोक सिंह के बेहतरीन काम के कारण 7 जिलों में कमिश्नरेट सिस्टम"
पंकज पाराशर ने आगे कहा, "गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में लगभग 30% हिस्सेदारी करता है। मतलब, हम जो करते या लिखते हैं, उसका मतलब इतना छोटा नहीं है कि उसे केवल एक अखबार में खबर छपने के बराबर मान लिया जाए। इसका इंपैक्ट लाखों लोगों की नौकरियों पर पड़ सकता है। काफी संख्या में लोग बेरोजगार हो सकते हैं। बहुत सारे लोग सुसाइड भी कर सकते हैं। मेरा मतलब यह है कि गौतमबुद्ध नगर इतनी वैल्यू रखता है कि आप जैसे लोगों के सुरक्षित हाथों में गौतमबुद्ध नगर को रहना बहुत जरूरी है।" पंकज ने आगे कहा, "आलोक सिंह ने 3 साल बहुत अच्छा काम किया। वह अपने आप में एक मिसाल है। सबसे बड़ी बात यह है कि है कमिश्नरेट सिस्टम उत्तर प्रदेश पुलिस डिपार्टमेंट के लिए बड़ा स्टेप था। इसे 6-6 महीने के रिव्यू पर लागू किया गया था। अगर 6 महीनों के भीतर कमिश्नरेट सिस्टम ठीक नहीं होता तो आज उत्तर प्रदेश के 7 जनपदों में यह व्यवस्था लागू नहीं होती। अगर इसका श्रेय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है तो मेरा मानना यह है कि इसका श्रेय आलोक सिंह और उनकी टीम की एक-एक सिपाही को जाता है।"

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