नोएडा अथॉरिटी ने शुरू किया सफाई अभियान, फायर ब्रिगेड भी मैदान में उतरी

Twin Tower Demolition : नोएडा अथॉरिटी ने शुरू किया सफाई अभियान, फायर ब्रिगेड भी मैदान में उतरी

नोएडा अथॉरिटी ने शुरू किया सफाई अभियान, फायर ब्रिगेड भी मैदान में उतरी

Tricity Today | फायर ब्रिगेड भी मैदान में उतरी

Noida News : ट्विन टावर्स चन्द सेकेंड में जमींदोज हो गए। जिसके बाद नोएडा शहर धुल में डूब गया है। नोएडा अथॉरिटी शहर ने धुल को मिटाने के लिए मैदान में उतर गई है। ट्विन टावर के आसपास भारी संख्या में प्राधिकरण के कर्मचारी मौजूद है, जो धूल को काबू पाने में जुट गए हैं। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के माध्यम से ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद मलबे पर पानी की बौछार की जा रही है। जिसे जल्द से जल्द प्रदूषण पर काबू पाया जा सके। 

धूल के गुब्बारे में डूबा नोएडा
ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद पूरा नोएडा शहर धूल के गुब्बारे में डूब गया है। पूरे इलाके में धूल का गुब्बारा फैलता जा रहा है। अब इसको रोकने के लिए स्मॉग गन शुरू किए गए हैं। ठीक 2:30 बजे भ्रष्टाचार की इमारत को मिट्टी में मिला दिया गया। लोगों ने भ्रष्टाचार की इमारत टूटने पर ढोल-नगाड़ों से न्याय पर जीत पर जश्न मनाया है। करीब 5 किलोमीटर दायरे के बाद भारी संख्या में भीड़ इकट्ठा हुई है। काफी लोगों ने कैमरे में भ्रष्टाचार की इमारत को मिट्टी में मिलते हुए की वीडियो अपने कैमरे में कैद की है।

दोनों टावर बनाने में आया करीब 300 करोड़ रुपए का खर्च
सुपरटेक ने एमराल्ड कोर्ट में एपेक्स और सियान टावर को बनाने में करीब 300 करोड़ रुपए खर्च आया है, लेकिन इसके लिए गलत जगह का चयन कर लिया। निवासियों की आपत्तियों के बावजूद पैसे के बल पर लगातार इन टावरों की ऊंचाई बढ़ती रही और इन्हें बनाने में करोड़ों रुपए के खनिज और लाखों घंटों की मेहनत की गई। अब इन टावरों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ध्वस्त किया जा रहा है। जिस कारण इसमें प्रयोग किया गया खनिज और लोगों की मेहनत सब बेकार होने वाली है।

इस तरीके से होगा अरबों का नुकसान
सुपरटेक ट्विन्स टावर बनाने में करीब 12.50 टन सरिया लगा है। इसके अलावा 4.5 लाख सीमेंट के बैग लगे हैं। सुपरटेक के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 50 लाख दिवस कामगर में दोनों टावर बनाए गए हैं। इन दोनों टावर को बनाने के लिए करीब 26 करोड़ रुपए की दिल्ली का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा 25 करोड़ रुपए की कंक्रीट दोनों टावर को बनाने में की गई है। इसी तरीके से दोनों टावर को तोड़ने में अरबों का नुकसान होगा। यह भारत की सबसे ऊंची इमारत है, जिसको तोड़ा जा रहा है।

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