Noida : शहर की हाई राइज सोसाइटी जलवायु विहार में हुए हादसे की जांच लगभग आगे बढ़ना तय माना जा रहा है। 15 दिन बीत जाने के बाद भी प्राधिकरण की यह जांच पूरी नहीं हो पाई है। इतने दिन बीत जाने के बाद प्राधिकरण सबूत जुटाने में जुटा हुआ है। अब प्राधिकरण ने सार्वजनिक सूचना जारी कर दीवार गिरने की घटना से संबधित फोटो-विडियो या अन्य कोई साक्ष्य मांगे हैं। यह साक्ष्य अगर किसी के पास भी हो तो वह अगले 7 दिनों में सुबह 10 से 12 बजे के बीच अथॉरिटी के एसीईओ मानवेंद्र सिंह के पास जाकर दे सकते है। गौरतलब है कि पुलिस अभी तक एमडी प्रोजेक्ट कंपनी के असली मालिक अर्जुन यादव को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
20 सितंबर को हुई घटना
सोसाइटी की दीवार के बराबर में नोएडा प्राधिकरण की ओर से नाली बनवाई जा रही थी। इस काम का जिम्मा प्राधिकरण की ओर से एमडी प्रोजेक्ट एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। इसी दौरान 20 सितंबर 2022 को सोसाइटी की दीवार गिर गई, जिसमें चार मजदूरों की मौत हो गई।
पुलिस ने भेजा नोटिस
थाना सेक्टर-20 पुलिस ने नोएडा प्राधिकरण के पांच अधिकारियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। इससे पहले पुलिस दो आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। जिसमें एक प्राधिकरण का ठेकेदार शामिल है। नोएडा प्राधिकरण के जिन अधिकारियों को नोटिस भेजे गए हैं, उनमें डीजीएम, मैनेजर, जेई और दो सुपरवाइजर शामिल हैं। इन कर्मचारियों को सीआरपीसी के तहत नोटिस थमाया गया है। इस घटना के अगले दिन पुलिस ने डीजीएम श्रीपाल भाटी को थाने में बुलाकर पूछताछ की थी। यह पूछताछ 8 घंटे तक चली। जिसके विरोध में प्राधिकरण के सैकड़ों कर्मचारियों ने थाने में प्रदर्शन किया था।
पूरा मामला
जलवायु विहार हाउसिंग सोसायटी की दीवार की बराबर एक नाले का निर्माण किया जा रहा है। नाले की खुदाई करने के लिए ठेकेदार जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल कर रहा था। इसी दौरान हाउसिंग सोसायटी की करीब 25 साल पुरानी दीवार भरभरा कर गिर गई। इस दीवार के नीचे दबने से 4 श्रमिकों की मौत हो गई। एक गंभीर रूप से घायल हुआ। उसको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज
घटना वाले दिन नोएडा सेक्टर-20 थाना पुलिस ने ठेकेदार और उसके सहयोगी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। ठेकेदार के सहयोगी गुल मोहम्मद को उस दिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना बाद मुख्य अभियुक्त सुंदर यादव फरार हो गया था। जिसे पुलिस ने 5 दिन पहले गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही नोएडा पुलिस ने अथॉरिटी के उपमहाप्रबंधक को थाने बुलाकर 8 घंटे पूछताछ की थी। जिसके बाद प्राधिकरण के कर्मचारियों और पुलिस के बीच नोकझोंक का भी मामला सामने आया था।