रेस्क्यू करते-करते पुलिस-प्रशासन का हाल बेहाल

नोएडा के यमुना खादर में फार्म हाउस छोड़कर भागे अमीर : रेस्क्यू करते-करते पुलिस-प्रशासन का हाल बेहाल

रेस्क्यू करते-करते पुलिस-प्रशासन का हाल बेहाल

Tricity Today | यमुना खादर में फार्म हाउस

Noida News : यमुना में आई बाढ़ में सबसे ज़्यादा सिरदर्द खादर इलाके में बने अवैध फार्म हाउस हैं। नोएडा प्राधिकरण की अनदेखी से खादर क्षेत्र में 5 हज़ार से अधिक अवैध फार्म हाउस बन गए हैं। ये केवल अय्याशी के अड्डे हैं। एक अनुमान के मुताबिक तकरीबन 10 हज़ार करोड़ रुपये का अवैध कारोबार इन फार्म हाउस में होता है। अब जब बाढ़ आई तो अमीर इन फार्म हाउस को लावारिस छोड़कर फरार हो गए हैं। इनमें रहने वाले हजारों परिवारों और जानवरों को रेस्क्यू करते-करते पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन थक कर चूर चूर हो चुके हैं।

फार्म हाउस मालिकों से निपटेगा प्रशासन 
लोगों का कहना है कि फार्म हाउस वालों को नोटिस दिया जाता है तो प्राधिकरण में चढ़ावा पहुंच जाता है। खादर डूब क्षेत्र में सिर्फ 6 इंच की दीवार रखने की इजाजत है, लेकिन यहां आलीशान फ़ार्म हाउस, पॉटरी, फॉर्म, घोड़ो के अस्तबल और स्टेडियम बन गए हैं। ये सब पैसे के बल बनाया गया है। अधिकांश फार्म हाऊस रसूखदार अफसर और सफेदपोश लोगों के हैं। ज़िला प्रशासन के मुताबिक डीएम मनीष कुमार वर्मा ने इस धंधे को बंद कराने का प्लान बना लिया है। बाढ़ का पानी हटने के बाद अवैध फार्म हाउसों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जाएगी। गौतमबुद्ध नगर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अतुल शर्मा का कहना है, 'सोचिए अगर ये फार्म हाउस यहां नहीं होते तो इतनी मशक्क्त पुलिस और प्रशासन को न करनी पड़ती। यहां एक सप्ताह से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर अब तक करोड़ों रुपये बर्बाद हो चुके हैं। इन फार्म हाउस के मालिक अपने कारिंदों और जानवरों को संकट में छोड़कर फरार हो चुके हैं।'

7 हजार ज्यादा लोग प्रभावित
अब तक गौतमबुद्धनगर जिले के 53 गांव यमुना नदी से और 14 गांव हिंडन नदी से प्रभावित हुए हैं। तीनों तहसील में 7210 लोग प्रभावित हुए हैं। इसमें से 3610 व्यक्ति विस्थापित हुए हैं। वहीं शुक्रवार को 2000 पशुओं को और 700 लोगों का रेस्क्यू किया गया। बता दें कि पिछले शनिवार बारिश के बाद से यमुना के डूब क्षेत्र में पानी का भराव शुरू हो गया था। यहां बने फॉर्म हाउस अवैध हैं, इसलिए किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। हालांकि, दो से तीन बार अनाउंसमेंट जरूर किया गया। 

दादरी में प्रभावित गांव : जगनपुर दोआब, सिंकदरपुर, बेलाकला, बेलाखुर्द, कोंडली खदर, औरंगाबाद, मोतीपुर, तिलवाड़ा, गढ़ी समस्तपुर, मकनपुर खदर, दलेलपुर, उोस्तपुर मंगरौली बांगर, दोस्तपुर मंगरौली खादर, चक मंगरौली, किडावली, नंगली साकपुर , नंगली बहरामपुर , याकूतपुर द्वितीय, मंगरौली , छपरौली, खादर, नंगली नंगला, बसंतपुर।

जेवर के प्रभावित गांव : मीरपुर कच्छ , गोविंदगढ़, झुप्पा, शमशमनगर, जेवर खादर, भगवंतपुर, छातंगा, छातंगा खुर्द, सिरसा, रामपुर बांगर, रामपुर बांगर, बल्लभनगर, , जेवर बांगर, अलियाबाद, मेहंदीपुर बांगर, कलौरी बांगर, खादर , सिरौली बांगर, फलैदा।

सबसे ज्यादा प्रभावित गांव : गुलावाली, कमाबक्शपुर, मोमनाथल, तकलवाड़ा, मकनपुर खादर, लतीफपुर खादर, रायपुर खादर , असगरपुर , मेहंदीपुर खादर।

अगले 72 घंटे तक हाईअलर्ट जारी
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने वीडियो के माध्यम से अपील करते हुए कहा कि यमुना नदी का जलस्तर कम हुआ है, लेकिन मौसम विभाग के द्वारा जानकारी के मुताबिक अगले 72 घंटों में अत्यधिक वर्षा होने की संभावना है। जिस कारण यमुना और हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ सकता है। इस वजह से जिले में अगले 72 घंटे तक हाईअलर्ट जारी रहेगा।

सेल्फी लेने का प्रयास जानलेवा
डीएम मनीष वर्मा ने कहा है कि कुछ लोग बाढ़ के पानी में नहाने का प्रयास करते हैं, यह जानलेवा है। इसके अलावा कुछ लोग बाढ़ के पानी के साथ सेल्फी लेने का प्रयास करते हैं, इससे भी लोगों की जान जा सकती है। इसलिए बाढ़ के पानी से जितना हो सके, उतना दूर हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिला प्रशासन और पुलिस के अलावा एनडीआरएफ की टीम लगी हुई है। जो लगातार लोगों को चेतावनी देते हुए पानी के पास ना जाने की अपील कर रही है।

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