Noida : सुपरटेक बिल्डर (Supertech Builder ) को आज एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। घर खरीदारों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सुपरटेक बिल्डर के 6 बैंक अकाउंट को गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन (District Administration) ने सीज कर दिया है। जिला प्रशासन ने सुपरटेक बिल्डर के बैंक अकाउंट सीज करने से पहले आरसी जारी की गई थी। जिसके तहत यह कार्रवाई की गई है। बिल्डर के खिलाफ यूपी रेरा (UP Rera) के आदेश पर आरसी जारी की गई थी।
एक साल पहले यूपी रेरा ने दिए थे आदेश
सुपरटेक बिल्डर के एक प्रोजेक्ट में हजारों लोगों ने पैसा लगाकर अपने फ्लैट बुक किए थे, लेकिन उनको अपना फ्लैट नहीं मिला। जिसके बाद घर खरीदार न्याय की गुहार लगाने यूपी रेरा गए। यूपी रेरा ने बिल्डर के खिलाफ करीब एक साल पहले आदेश दिया था कि या तो खरीदारों को उनका फ्लैट दिया जाए या फिर उनका पैसा वापस किया जाए। यूपी रेरा के आदेश पर भी बिल्डर ने ना तो घर खरीदारों को पैसा दिया और ना ही उनका फ्लैट दिया। जिसके बाद यूपी रेरा ने बिल्डर के खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट यानी कि आरसी जारी की थी।
सुहास एलवाई के आदेश पर 6 बैंक अकाउंट सीज
इस मामले में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बिल्डर के खिलाफ आरसी जारी कर पैसा रिकवरी करने के आदेश एसडीएम सदर अंकित कुमार को दिए। जिलाधिकारी के आदेश पर एसडीएम सदर ने बिल्डर के 6 बैंक अकाउंट को आज सीज कर दिया है। अब इन बैंक अकाउंट के माध्यम से फ्लैट खरीदारों के पैसे की रिकवरी की जाएगी।
घर खरीदारों को न्याय दिलवाएगा जिला प्रशासन : सुहास एलवाई
डीएम सुहास एलवाई ने बताया कि घर नहीं मिलने से परेशान सुपरटेक प्रोजेक्ट में पैसा लगाने वाले घर खरीदार यूपी रेरा गए थे। यूपी रेरा के आदेश पर बिल्डर के खिलाफ आरसी जारी की है। जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बिल्डर के 6 बैंक अकाउंट को आज सीज कर दिया है। अब जिला प्रशासन बिल्डर के बैंक अकाउंट से घर खरीदारों के पैसे को वापस दिलवाएगा। यह कार्रवाई यूपी रेरा के आदेश पर की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी की बड़ी कार्रवाई
आपको बता दें कि यूपी रेरा और गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी बिल्डर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। गलत तरीके से टावर बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के ट्विन टावर को तोड़ने का फैसला लिया। काफी तेजी के साथ नोएडा के सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक ट्विंस टावर को तोड़ा जा रहा है। ट्विन्स टावर को तोड़ने के लिए करीब 300 से भी ज्यादा मजदूर बुलाए गए हैं और 10 विदेशी इंजीनियर टावर को तोड़ने में लगे हुए हैं।