- बाइक बोट घोटाले में यूपी समेत देश के कई राज्यों में दर्ज हैं सैकड़ों एफआईआर
- कंपनी के एमडी संजय भाटी समेत कुल 22 लोग इस समय जेल में हैं बंद
- इटावा कोर्ट ने 15 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश
- इटावा के लोगों से 3 करोड़, 86 लाख, 500 रुपये की धोखाधड़ी कर ठगने का आरोप में दर्ज होगी एफआईआर
Gautambudh Nagar News: वर्ष 2019 में गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा में स्थित GIPL कंपनी की बाइक बोट स्कीम में हुए 42 हज़ार करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल कंपनी के एमडी संजय भाटी समेत 15 नामजद और 10-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के इटावा कोर्ट ने आदेश दिए हैं। पीड़ित ललित कुमार सक्सेना की अपील पर इटावा की थाना फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस को न्यायालय ने अविलंब मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
ग्रेटर नोएडा की कोतवाली दादरी क्षेत्र के कोट गांव में स्थित गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (GIPL) कंपनी के मालिक संजय भाटी ने "बाइक बोट" के नाम से वर्ष 2018 में एक स्कीम लांच की थी। इसमें एक बाइक की कीमत 62,100 रुपये निवेश करने वाले व्यक्ति को अगले 12 माह तक बाइक का किराया/ईएमआई के रूप में प्रति माह 9765 रुपये निवेशक को मिलने थे। जब कंपनी में देश भर के करोड़ों लोगों ने अरबों रुपये निवेश कर दिया तब कंपनी के मालिक और अन्य सभी पदाधिकारी लोगों का अरबों रुपये लेकर फरार हो गए।
घोटाले से संबंधित दर्ज हैं दर्जनों FIR
यूपी समेत देश के अलग-अलग राज्य में बाइक बोट घोटाले से संबंधित सैकड़ों एफआईआर दर्ज हैं। सबसे ज्यादा एफआईआर गौतमबुद्ध नगर की कोतवाली दादरी में दर्ज हैं। वर्तमान में बाइक बोट घोटाले के एमडी संजय भाटी और लखनऊ स्थित लाइव टुडे न्यूज़ चैनल के मालिक और बाइक बोट घोटाले के मास्टरमाइंड बीएन तिवारी समेत कुल 22 लोग ग्रेटर नोएडा की लुक्सर जेल में बंद हैं। जबकि इस मामले में नामजद संजय भाटी की पत्नी दीप्ति पहल समेत तीन लोग अभी फरार हैं।
कई एजेंसियां कर रही हैं घोटाले की जांच
42 हज़ार करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नज़र है। इस मामले में वर्तमान में गौतमबयुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस, क्राइम ब्रांच मेरठ, आर्थिक अपराध शाखा( EOW)- मेरठ, ED और UPSTF जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक जिन 24 आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया गया था उसमें से ग्रेटर नोएडा स्थित वेनिस मॉल के मालिक सत्येंद्र भसीन उर्फ मोंटू भसीन और दिनेश पांडे को बीते 3 माह के अंदर सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिल चुकी है। जबकि इस मामले में मुख्य आरोपी संजय भाटी की पत्नी दीप्ति बहल, भूदेव और लोकेंद्र अभी फरार हैं जिनको खोज पाने में सभी जांच एजेंसियां नाकाम साबित हो रही हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि घोटाले के मास्टरमाइंड लखनऊ स्थित लाइव टुडे न्यूज़ चैनल के मालिक बीएन तिवारी को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से 25 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया था। इस दौरान उन्होंने पुलिस को दिए गए बयान में बताया था कि बाइक बोट घोटाले में उनका बेटा भी शामिल है जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
न्यायालय ने दिया मुकदमा दर्ज करने का आदेश
इटावा निवासी ललित कुमार सक्सेना ने बताया कि बाइक बोट घोटाले में उन्होंने जनपद इटावा में पम्फलेट एवं बुकलेट छपवा कर स्कीम में निवेश करने के लिए आम जनमानस को प्रेरित किया। इस दौरान उन्होंने GIPL कंपनी के अधिकारी को इटावा के थाना फ्रेंड कॉलोनी क्षेत्र के देवेंद्र मैरिज होम में बुलाकर मीटिंग का आयोजन किया। इसमें आम लोगों को बुलाकर उनको बाइक बोट स्कीम में निवेश करने के लिए स्कीम के बारे में समझाया गया। इस पर 161 लोगों ने स्कीम में तीन करोड़ पचास लाख 86 हजार पांच सौ रुपये निवेश किए थे, जिसे कंपनी द्वारा वापस नहीं किया गया। पीड़ित ने पुलिस से मामले की शिकायत करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। इस पर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली। इटावा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिलीप कुमार सचान ने धारा 156 (3) के तहत थाना फ्रेंड्स कालोनी, जनपद इटावा को आदेश दिए हैं कि तत्काल प्रभाव से पीड़ित कि एफआईआर दर्ज करें।
इन 15 लोगों पर दर्ज होगी FIR
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इटावा दिलीप कुमार सचान ने 6 अक्टूबर 2021 को धारा 156 (3) के तहत आदेश देते हुए बाइक बोट घोटाले में शामिल कंपनी के एमडी संजय भाटी, मास्टरमाइंड बीएन तिवारी, सचिन भाटी,पवन भाटी, संजय भाटी की पत्नी दीप्ति बहल, राजेश भरद्वाज, करण पाल सिंह, विजय कसाना, आदेश भाटी, विदेश भाटी, पवन कुमार वर्मा, अमित सिरोही, जितेंद्र सिरोही, मोहम्मद सायन आरिफ और प्रमोद कुमार सिंह समेत 10-15 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।