Lucknow/Noida : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने अयोध्या में रामलला (Ram Lalla) की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले ही नोएडा को बेहद खास तोहफा दिया है। यहां एक और प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार के इस फैसले के बाद गौतमबुद्ध नगर देश का अकेला ऐसा जिला हो गया है, जहां कुल 12 यूनिवर्सिटी हो जाएंगी। गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यूपी में तीन निजी विश्वविद्यालय खोलने की मंजूरी दी गई है। इनमें एक गौतमबुद्ध नगर में खुलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में 8 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है। इसमें बहुप्रतीक्षित सेमी कंडक्टर नीति-2024 भी शामिल है। यूपी के गन्ना किसानों को बड़ी सौगात देते हुए खरीद मूल्य में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। गन्ना मूल्य में 20 रुपये प्रति कुंतल की दर से इजाफा किया गया है।
यूपी में तीन यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव पर मुहर
योगी कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में तीन नये निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी गई है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि निजी क्षेत्र में जेएसएस विश्वविद्यालय की स्थापना नोएडा में की जाएगी। यह नया विश्वविद्यालय बनने के बाद गौतमबुद्ध नगर में 12 यूनिवर्सिटी हो जाएंगी। सरोज विश्वविद्यालय की स्थापना लखनऊ में होगी। शारदा विश्वविद्यालय की स्थापना आगरा में करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि योगी सरकार में उच्च शिक्षा की क्वालिटी में काफी सुधार हुआ है। आज प्रदेश में पांच सरकारी और पांच निजी विश्वविद्यालय 'ए डबल प्लस' की रैकिंग के हैं। इसके अलावा 'ए प्लस' रैंकिंग के तीन विश्वविद्यालय हैं। वहीं, बड़ी संख्या में 'ए' रैंकिंग विश्वविद्यालय प्रदेश में हैं। जबकि, योगी सरकार से पहले प्रदेश में मात्र तीन 'बी प्लस' रैंकिंग के विश्वविद्यालय थे। प्रदेश को 'वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी' बनाने में निजी विश्वविद्यालयों की अहम भूमिका साबित होगी। साथ ही साथ शिक्षा की क्वालिटी में भी सुधार होगा।
गन्ना किसानों को योगी सरकार ने दी बड़ी सौगात
लोक भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना, उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कैबिनेट के फैसलों के बाबत जानकारी दी। चौधरी लक्ष्मी नारायण ने बताया कि पेराई सत्र 2023-24 के लिए प्रदेश के सभी चीनी मिलों सहकारी क्षेत्र, निगम और निजी क्षेत्र की मिलों के लिए गन्ना खरीद मूल्य बढ़ा दिया गया है। गन्ना का राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) का निर्धारण किया गया है। इसमें गन्ने की अगैती प्रजातियों के लिए निर्धारित मूल्य 350 रुपए प्रति क्विंटल को बढ़ाकर 370 रुपए कर दिया गया है। सामान्य प्रजाति के लिए 340 रुपए प्रति क्विंटल को बढ़ाकर 360 रुपए और अनुपयुक्त प्रजाति के लिए गन्ना मूल्य 335 रुपए प्रति क्विंटल को बढ़ाकर 355 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। इस तरह तीनों श्रेणियों में 20 रुपये का इजाफा किया गया है। इससे उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में करोड़ों किसान परिवारों की आय में वृद्धि होगी।
सेमी कंडक्टर नीति-2024 को मिली मंजूरी
योगी कैबिनेट ने बहु प्रतीक्षित सेमी कंडक्टर नीति-2024 को मंजूरी दे दी है। भारत में ये उद्योग अभी शैशव अवस्था में है। अब तक केवल गुजरात, ओडिशा और तमिलनाडु ने यह नीति बनाई है। अब यूपी चौथा राज्य बन गया है, जहां सेमी कंडक्टर नीति बनाई गई है। विशेषज्ञों ने इसे सर्वोत्तम नीति बताया है। इससे बड़े पैमाने पर निवेश आएगा। यूपी सेमी कंडक्टर निर्माण सेक्टर में लीडर बने, इसके लिए इस नीति को लाया गया है। कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि सेमी कंडक्टर निर्माण इकाई लगाने वाले उद्योग समूहों को भारत सरकार की ओर से 80 हजार करोड़ रुपए का फंड देने की व्यवस्था है। यूपी सरकार इसमें 75 प्रतिशत की भागीदारी करेगी।
अब तक 13 कंपनियों ने रुचि दिखाई
कैबिनेट मिनिस्टर योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि सेमी कंडक्टर पॉलिसी में उद्योगों को वित्तीय प्रोत्साहन देने की भी व्यवस्था है। इसमें लैंड सब्सिडी के रूप में 200 एकड़ तक वाले उद्योग को 75 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी। अब तक 13 कंपनियों ने प्रदेश में सेमी कंडक्टर निर्माण इकाई लगाने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की है। उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में पानी और निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट कराने पर 10 लाख रुपये और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट कराने के लिए यूपी सरकार 20 लाख रुपए देगी। इंडस्ट्री को स्किल्ड मैन पॉवर उपलब्ध कराने के लिए इंडस्ट्री से 'सीएम इंटर्नशिप प्रोग्राम' के तहत कोलैबरेशन किया जाएगा। साथ ही प्रदेश के तकनीकी इंस्टीट्यूट में भी सेमी कंडक्टर निर्माण से संबंधित ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी। इससे आने वाले वक्त में उत्तर प्रदेश के युवा इंजीनियरों को अपने राज्य में अवसर मिलेंगे।