बाहुबली डीपी यादव का बेटा जेल से आएगा बाहर? सुप्रीम कोर्ट ने कहा...

Nitish Katara Murder Case : बाहुबली डीपी यादव का बेटा जेल से आएगा बाहर? सुप्रीम कोर्ट ने कहा...

बाहुबली डीपी यादव का बेटा जेल से आएगा बाहर? सुप्रीम कोर्ट ने कहा...

Google Image | विकास यादव

Noida / Ghaziabad News : यूपी में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को उम्रकैद की सजा पूरी होने से पहले जेल से रिहा होने के बाद अब बाहुबली डीपी यादव के बेटे विकास यादव (Vikas Yadav) ने भी सुप्रीम कोर्ट रिहाई की गुहार लगाई है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच करेगी। करीब 21 साल पहले 2002 में हुए बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड (Nitish Katara Murder Case) में विकास यादव दोषी है।

यूपी सरकार ने किया विरोध
सुनवाई के दौरान दिवंगत नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा और यूपी सरकार ने याचिका का विरोध किया। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से मिली सजा को नई याचिका के जरिए कम नहीं करवाया जा सकता है। वहीं, विकास यादव के वकील ने कहा कि वह हर पहलू पर जवाब देंगे, लेकिन इसी तरह के मसले पर पहले 3 जजों की बेंच आदेश दे चुकी है। इसलिए यह मामला तीन जजों की बेंच को भेजा जाए। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और संजय कुमार की बेंच ने इसे स्वीकार कर लिया।

क्या है मामला?
नीतीश कटारा की मित्रता बाहुबली डीपी यादव की बेटी भारती से थी। विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल यादव अलग-अलग जाति के होने के कारण अपनी बहन भारती यादव के साथ कटारा के कथित संबंध के खिलाफ थे। 16 फरवरी, 2002 की रात गाजियाबाद में एक शादी समारोह में डीपी यादव का पूरा परिवार, विकास, भारती, उसकी बहन मिताली सब पहुंचे थे। शादी में भारती और नीतीश साथ थे। यह देखकर भारती का भाई विकास बेहद गुस्से में आ गया। उसने अपने चचेरे भाई विशाल के साथ मिलकर नीतीश को अगवा कर लिया। गाजियाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर ले जाकर हथौड़े से उसकी हत्‍या कर दी।

जेल से 66 बार बेल
पुलिस ने पाया कि मरने वाले को पहले बुरी तरह पीटा गया और बाद में उसकी लाश जलाने की कोशिश भी की गयी थी। शिनाख्त में पाया गया कि ये नीतीश कटारा की लाश थी। विकास और विशाल यादव के नाम वारंट जारी कर दिए गए। दोनों को 23 फरवरी को ग्वालियर के एक रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया। कुछ दिनों तक मुकदमा गाजियाबाद कोर्ट में चला। इस मामले में डीपी यादव का रसूख शुरुआत से इस केस पर अपना असर डाले रहा। यही कारण है कि साल 2002 से 2004 के बीच विकास यादव को जेल से 66 बार बेल दी गई।

दिल्ली ट्रांसफर हुआ मुकदमा 
नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा लगातार अपने बेटे को इन्साफ दिलाने के लिए लड़ रही हैं। नीलम कटारा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया कि डीपी यादव के दबाव में सुनवाई सही तरीके से नहीं हो रही है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा दिल्ली ट्रांसफर कर दिया। 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने विकास और विशाल को 25-25 साल और सुखदेव को 20 साल की सजा दी। उससे अब जेल में सजा को 22 साल हो गए हैं।

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