Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच ट्रैफिक जाम खत्म करने के लिए डीएससी (दादरी-सूरजपुर-छलेरा) रोड पर बन रहे भंगेल एलिवेटेड रोड का निर्माण चल रहा है। पिछले करीब एक साल से यह प्रोजेक्ट बहुत धीमा चल रहा है। अब निर्माण कर रही कंपनी नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) से अतिरिक्त पैसा मांग रही है। कंपनी का दावा है कि लगत बढ़ गयी है। यह प्रोजेक्ट अथॉरिटी के लिए सिरदर्द बन चुका है। अब अतिरिक्त लागत को लेकर आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) से जांच कराई जाएगी। अगर आईआईटी अतिरिक्त लागत को जायज ठहराता है तो नोएडा प्राधिकरण इसको मंजूर करने को लेकर विचार करेगा।
शुरूआत में 468 करोड़ रुपये थी लागत
भंगेल एलिवेटेड रोड का निर्माण करने के लिए अथॉरिटी ने साल 2020 में ठेका निकाला था। निर्माण कर रही कंपनी ने सबसे काम कीमत लगाकर यह ठेका हासिल कर लिया। कंपनी ने 468 करोड़ रुपये में एलिवेटेड रोड बनाने के लिए बिडिंग की थी। जिसके चलते कई बड़ी कंपनियां दौड़ से बाहर हो गयी थीं। निर्माण आठ जून 2020 में शुरू हुआ था। एलिवेटेड रोड के निर्माण का जिम्मा उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड के पास है। अब तक निर्माण पूरा हो जाना चाहिए था। पिछले करीब एक साल से कंस्ट्रक्शन की रफ्तार बेहद धीमी है।
अब 150 करोड़ रुपये लागत बढ़ गई
अब कंस्ट्रक्शन एजेंसी ने नोएडा अथॉरिटी को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि पीछले दो वर्षों में निर्माण सामग्री की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ गयी हैं। अब टेंडर में तय लागत 468 करोड़ रुपये में एलिवेटेड रोड का निर्माण पूरा करना संभव नहीं है। एजेंसी ने करीब 150 करोड़ रुपये अतिरिक्त लागत बढ़ाने की मांग की है। मतलब, साफ है कि पिछले दो वर्षों में इस परियोजना की लागत करीब 33% बढ़ गयी है। एजेंसी के पत्र पर सीईओ रितु माहेश्वरी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट को आदेश दिया है कि एजेंसी के दावों का सत्यापन करवाया जाए। इसके लिए आईआईटी दिल्ली से मदद ली जाए। अगर आईआईटी दिल्ली एजेंसी के तर्कों से सहमत हो जाती है तो बजट बढ़ने पर विकास प्राधिकरण विचार करेगा।
शहर के लाखों लोग परेशान
डीएससी रोड नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच आवागमन का महत्वपूर्ण और सबसे पुराना रास्ता है। पिछले दो वर्षों से इस मार्ग पर एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जा रहा है। इस कारण यह रास्ता बंद पड़ा हुआ है। लाखों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भंगेल, बरौला और आसपास के सेक्टरों में व्यापारिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव है। पिछले दिनों जिलाधिकारी के साथ व्यापारियों की बैठक हुई। व्यापारियों ने एलिवेटेड रोड का निर्माण ठप पड़ने का मुद्दा उठाया। दूसरी ओर इस पूरे इलाके में दो वर्षों से ट्रैफ़िक डायवर्जन लागू है। रोजाना बड़ी संख्या में निवासियों को लंबी दूरी तय करके नोएडा और ग्रेटर के बीच आवागमन करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि जिस गति से एलिवेटेड रोड का निर्माण चल रहा है, उसे देखकर लगता है कि अगले एक साल में भी काम पूरा नहीं हो पाएगा।