अग्निपथ योजना के विरोध में भारत बंद का नोएडा में नहीं दिखा असर, बाजारों में रही रौनक

Noida News : अग्निपथ योजना के विरोध में भारत बंद का नोएडा में नहीं दिखा असर, बाजारों में रही रौनक

 अग्निपथ योजना के विरोध में भारत बंद का नोएडा में नहीं दिखा असर, बाजारों में रही रौनक

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Noida : अग्निपथ योजना के विरोध में आज भारत बंद का असर नोएडा में नाम मात्र के लिए दिखा। सभी बाजार और दफ्तर सुबह से ही खुले रहे। लोगों का आवागमन भी आम दिनों की तरह जारी रहा, लेकिन सुबह थोड़ा बहुत लोगों को दिल्ली जाते समय जाम से जूझना पड़ा था। जगह-जगह पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर चेकिंग कर रही थी। वहीं, व्यापारियों ने भारत बंद का समर्थन नहीं किया। 

गलत कार्यों का विरोध
सेक्टर-18 मार्किट ऐसोसिएशन के अध्यक्ष और कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स दिल्ली एनसीआर के संयोजक सुशील कुमार जैन ने कहा कि पूरे देश के बाजार खुले रहे। हम हिंसात्मक प्रदर्शन की निंदा करते हैं और किसी भी तरह से सड़क रोकने अथवा व्यापार को प्रभावित करने वाले गलत कार्यों का विरोध करते हैं। देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं है। अपना विरोध जताने के लिए शांतिपूर्ण धरने-प्रदर्शन करना चाहिए।

जुलाई तक शादियों का सीजन
सुशील कुमार जैन ने कहा कि कोई भी व्यापारी संगठन इस बंद का समर्थन नहीं करता है। ऐसे में आज नोएडा सहित देश के अन्य बाजार खुले रहे और रोजाना की तरह कामकाज चलता रहा। वर्तमान में जुलाई तक शादियों का सीजन चल रहा है, जिससे व्यापार में गति भी हो रही है। व्यापार पटरी पर लौट रहा है। ऐसे में किसी भी तरह का बंद व्यापारियों के लिए लाभदायक नहीं है।

व्यापारियों को पहले ही हो चुका है नुकसान
जैन ने कहा कि कोविड के बाद अब धीरे-धीरे बाजारों में कारोबार शुरू हुआ है। ऐसे में व्यापारियों की प्राथमिकता केवल व्यापार करने में है। वर्तमान समय में किसी भी प्रकार का आंदोलन अथवा भारत बंद व्यापारियों के हित में बिल्कुल भी नहीं है। बड़ी मुश्किल से व्यापार वापस पटरी पर आने की ओर है। दो साल के कोविड महामारी से व्यापार को पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है। ऐसे मे यदि बंद ही करना होगा तो व्यापारी अपनी उन अनेक समस्याओं पर बंद करेंगे, जिनसे वो लगातार जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि लोगों को अग्निपथ योजना का विरोध करना है तो उन्हें सरकार के सामने अपना पक्ष रखना चाहिए, न कि बिना सोचे-समझे सीधे आंदोलन करना चाहिए।

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