सभी बाजार खुले रहे, भारी संख्या में पुलिस तैनात,  व्यापारियों ने नहीं दिया साथ

नोएडा में 'भारत बंद' बेअसर : सभी बाजार खुले रहे, भारी संख्या में पुलिस तैनात, व्यापारियों ने नहीं दिया साथ

सभी बाजार खुले रहे, भारी संख्या में पुलिस तैनात,  व्यापारियों ने नहीं दिया साथ

Tricity Today | सेक्टर-18 मार्केट में नोएडा पुलिस

Noida News : नोएडा में 'भारत बंद' का कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला। इस बंद का आह्वान आदिवासी संगठनों द्वारा SC-ST के लिए आरक्षण पर नए कानून की मांग और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में किया गया था। हालांकि, नोएडा में कुछ वर्गों ने इसका समर्थन किया था, लेकिन आज बुधवार को शहर की गतिविधियां सामान्य रूप से जारी रहीं। बड़े बाजारों पर कोई असर नहीं 
नोएडा पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है और शहर के विभिन्न हिस्सों में तैनात है। प्रमुख बाजार जैसे सेक्टर-18 मार्केट, ब्रह्मपुत्र मार्केट और भंगेल मार्केट खुले हुए हैं। शहर में यातायात और व्यापारिक गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही हैं, जिससे स्पष्ट है कि 'भारत बंद' का नोएडा पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं पड़ा है।
Imageबंद में व्यापारी शामिल नहीं
उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल ने भारत बंद का समर्थन नहीं किया l प्रदेश अध्यक्ष विकास जैन ने सभी व्यापारियों से कहा कि आप सभी अपने प्रतिष्ठान खुले रखे l कोई भी व्यक्ति यदि आप पर बंद का दबाव बनाए तो प्रशासन और व्यापार मंडल आपके साथ खड़ा है l प्रदेश अध्यक्ष विकास जैन ने कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए भारत बंद का आह्वान कर रहे हैं l व्यापार धंधे पहले ही चौपट है और इस तरीक़े के भारत बंद से अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा झटका लगता है l
Imageसंगठन नहीं कर रहा बंद का समर्थन 
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश कोषाध्यक्ष और जिलाध्यक्ष नरेश कुच्छल ने कहा कि संगठन और संगठन से जुड़ा कोई व्यापारी इसमें शामिल नहीं है। अगर कहीं कोई समस्या होती है, तो तत्काल पुलिस और प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने कहा कि आखिर आरक्षण कब तक चलेगा, जो लोग इसका लाभ ले चुके हैं, वह लोग ही अभी भी इसका लाभ उठा रहे हैं। जिन्हें अपना जीवन स्तर उठाने के लिए आरक्षण चाहिए, उन्हें आज भी इसका लाभ नहीं मिल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्यों को अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए कोटा के अंदर कोटा देने की अनुमति दी थी। यह फैसला 2004 के पुराने निर्णय को पलटते हुए दिया गया है। अब राज्य सरकारें SC-ST वर्ग में सबसे कमजोर तबके को लाभ पहुंचाने के लिए सब-कैटेगरी बना सकेंगी। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि सब-कैटेगरी का आधार उचित होना चाहिए और किसी एक जाति को 100% कोटा नहीं दिया जा सकता।

जरूरतमंदों के लिए बने कोटा
यह निर्णय सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से दिया है। कोर्ट का मानना है कि यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 341 का उल्लंघन नहीं करता। राज्य विधानसभाएं अब इस संबंध में कानून बना सकेंगी। लेकिन कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यह अधिकार सिर्फ जरूरतमंदों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ या भेदभाव के लिए।

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