Tricity Today | भारतीय सोशलिस्ट मंच ने दी विनम्र श्रद्धांजलि
Noida News : सेक्टर-11 झुंडपुरा स्थित भारतीय सोशलिस्ट मंच के कार्यालय पर भारत के प्रथम गृहमंत्री एवं उप-प्रधानमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस दौरान एक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
जब सरदार के आगे झुके अंग्रेजी हुकूमत
भारतीय सोशलिस्ट मंच के प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र सिंह अवाना ने कहा कि सरदार पटेल ने माहात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। सरदार पटेल ने आजादी की लड़ाई में अपना पहला योगदान खेड़ा संघर्ष में दिया। जब खेड़ा क्षेत्र सूखे की चपेट में था और वहां के किसानों ने अंग्रेज सरकार से कर में छूट देने की मांग की। अंग्रेज सरकार ने जब इस मांग को स्वीकार नहीं किया, तो सरदार पटेल, महात्मा गांधी और अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हें कर न देने के लिए प्ररित किया। अंत में सरकार को झुकना पड़ा और किसानों को कर में राहत दी गई।
यूं पड़ा सरदार पटेल नाम
सरदार पटेल को सरदार नाम, बारडोली सत्याग्रह के बाद मिला। जब बारडोली कस्बे में सशक्त सत्याग्रह करने के लिए उन्हें पहले बारडोली का सरदार कहा गया। बाद में सरदार उनके नाम के साथ ही जुड़ गया। चूंकि भारत के एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण था, इसलिए उन्हें भारत का लौह पुरुष कहा गया। 15 दिसंबर 1950 को लौह पुरुष ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
ऐसे बने लौह पुरुष
मंच के जिलाध्यक्ष देवेंद्र गुर्जर ने कहा कि किसान परिवार में जन्मे पटेल अपनी कूटनीतिक क्षमताओं के लिए भी याद किए जाते हैं। आज़ाद भारत को एकजुट करने का श्रेय पटेल की सियासी और कूटनीतिक क्षमता को ही दिया जाता है। वल्लभभाई पटेल ने देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाने का कार्य किया। भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिए उन्हें भारत के लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है।
इन्होंने भी दी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर हीरालाल यादव, चरण सिंह राजपूत, पप्पू राम, बबली कुशवाहा, शंकर, लीले, जागेश्वर और गुड्डू आदि कल्याणकारी मित्र उपस्थित रहे।