NOIDA : जगुआर कार चालक सैम्यूअल आइयू प्यस्तरे द्वारा दीपिका त्रिपाठी नामक युवती को टक्कर मारकर उसकी मौत कारित करने के मामले में नोएडा पुलिस को कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी है। इस मामले में पहले नोएडा पुलिस ने कार चालक के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाकर मौत कारित करने की धारा (304-ए) में मुकदमा दर्ज किया था। फिर 2 दिन बाद पुलिस आयुक्त ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया और नोएडा पुलिस ने इस मामले में धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार चालक को दोबारा से गिरफ्तार कर लिया। घटना वाले दिन नोएडा पुलिस ने आरोपी को थाने से जमानत दे दी थी। बाद में उसे मंगलवार की शाम को दोबारा से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने उसे 1 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा।
गौतमबुद्ध नगर कोर्ट में हुई बहस
बुधवार को आरोपी कार चालक के ऊपर पर लगाई गई धारा 302 की रिमांड पर दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य शर्मा ने पीड़ित की तरफ से आपत्ति लगाई। इस मामले में सीजीएम गौतमबुद्ध नगर की न्यायालय में पुलिस और आरोपी पक्ष के अधिवक्ता ने बहस की थी। आरोपी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में उनके मुवक्किल के साथ ज्यादती की गई है। पहले पीड़ित पक्ष ने इस मामले में सड़क दुर्घटना की धारा में मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने उनके मुवक्किल को गिरफ्तार कर उन्हें जमानत दी। बाद में सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए पुलिस ने उनके मुवक्किल के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर दोबारा से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के पास फुटेज भी नहीं
उन्होंने बताया कि उनका मुवक्किल के हाईप्रोफाइल होने और महंगी कार होने की वजह से पुलिस अधिकारियों ने इस तरह का कृत्य किया। उन्होंने कहा कि धारा 302 उस व्यक्ति पर लगाई जाती है जो किसी की इरादतन हत्या करता है। पुलिस के पास घटनास्थल की कोई सीसीटीवी फुटेज भी नहीं है। जिससे यह साबित हो कि उनके मुवक्किल ने स्कूटी सवार युवती को हत्या के नियत से टक्कर मारा।
302 की जगह धारा 304 दर्ज
अधिवक्ता आदित्य शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने उनकी बात को गंभीरता से सुना और इस मामले में धारा 302 की जगह धारा 304 के तहत रिमांड बनाया। उन्होंने कहा कि उनका मुवक्किल पुलिस को जांच में पूरा सहयोग करेगा और इस मामले में वह ऊपर के न्यायालय मे न्याय के लिए उचित विधिक अपील करेंगे।
पुलिस पर लगे आरोप
आरोप लगाया कि रविवार की घटना के दिन जब पुलिस ने उनके मुवक्किल को थाने से जमानत दे दिया, उसके बाद मंगलवार को पुलिस उनके घर पहुंची और कहा कि घटनास्थल का मुआयना कर उनका बयान दर्ज करना है। इस बहाने पुलिस उन्हें घर से थाने लेकर आई और दोबारा से उन्हें जेल भेज दिया।
बहुराष्ट्रीय बैंक में काम करता था जगुआर कार का मालिक
अधिवक्ता के अनुसार एक बहुराष्ट्रीय बैंक में काम करने और जगुआर कार होने की वजह से उनके मुवक्किल के खिलाफ गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोर्ट में यह बात भी सामने आई कि थाना बिसरख क्षेत्र में स्कूल से लौट रही 4 वर्ष की छात्रा को ट्रैक्टर चालक ने रौद दिया। उस मामले में पुलिस ने धारा 304-ए के तहत मुकदमा दर्ज किया, जबकि इस मामले में हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। बताया जाता है कि दुर्घटना में जिस युवती की मौत हुई है, उसके परिजन भी पुलिस द्वारा धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज करने से संतुष्ट नहीं है। पुलिस उनके घर दोबारा से तहरीर लेने गई थी, लेकिन उन्होंने पुलिस का कोई सहयोग नहीं किया।
आरोपी ने खुद किया था सरेंडर
पुलिस सूत्रों का दावा है कि घटना वाले दिन पीड़ित पक्ष के अपने वकील के साथ जगुआर कार के चालक को खुद पकड़कर थाने ले कर आए थे। उन्होंने ही पुलिस को अपनी सुपुर्दगी में चालक को दिया था और वकील के सामने ही पीड़ित पक्ष ने तहरीर लिखकर पुलिस को दी थी। उस समय इस घटना को सड़क दुर्घटना ही बताया गया था।
एसीपी रजनीश वर्मा का बयान
वहीं, सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश वर्मा ने बताया कि कोर्ट ने इस मामले में धारा 304 के तहत कार्रवाई करने को आदेशित किया है। उन्होंने बताया कि घटना वाले दिन आरोपी जगुआर कार चालक के साथ रेस में जितनी भी कारे थी, उनमें से 4 कारों को पुलिस ने जप्त किया है। जप्त की गई कारों में पोर्च, रेंज रोवर, बीएमडब्ल्यू ,और स्कोडा आदी हैं। एसीपी का कहना है कि घटना वाले दिन ये लोग दिल्ली से आकर नोएडा की सड़कों पर रेस लगा रहे थे, जिसकी वजह से युवती की स्कूटी में टक्कर लगी और उसकी मौत हुई।