Tricity Today | नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने कंपनी की योजनाओं के बारे में अध्यक्ष संजीव मित्तल को जानकारी दी
Noida News : दुनिया की सबसे बड़ी फर्नीचर रिटेलर कंपनी आइकिया दिवाली से पहले नोएडा सेक्टर-51 में अपना साइट ऑफिस स्थापित कर सकती है। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के अधिकारियों ने कंपनी की योजनाओं के बारे में अध्यक्ष संजीव मित्तल को जानकारी दी। उन्होंने सोमवार को शहर में 20 बड़ी परियोजनाओं की प्रगति के बारे में समीक्षा बैठक की। आइकिया का मुख्यालय नीदरलैंड में स्थित है।
इस दिग्गज कंपनी ने देश में अपनी पहली इकाई स्थापित करने के लिए नोएडा प्राधिकरण से 12.3 एकड़ जमीन ली है। कंपनी के फ्लैगशिप स्टोर के अलावा, भूमि का उपयोग वाणिज्यिक मिश्रित उपयोग के विकास के लिए किया जाएगा। इसमें शॉपिंग और व्यापार केंद्र होंगे। आइकिया के साथ करार के बाद नोएडा प्राधिकरण को जो भुगतान मिली थी, वह अपनी श्रेणी में सबसे महंगा सौदा था। इससे अथॉरिटी को 850 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ था। अफसरों ने इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल को बताया कि कंपनी ने क्षेत्र में बाड़ लगाना शुरू कर दिया है। जल्द ही साइट कार्यालय पर काम शुरू कर देगी।
20 प्रोजेक्ट की समीक्षा की
प्राधिकरण के वाणिज्यिक प्रभाग के एक अधिकारी ने बताया, "पिछले चार महीनों में आइकिया टीम के साथ कई चर्चाएं हुई हैं। कंपनी मिश्रित उपयोग के विकास के लिए अपनी निर्माण योजना और मैप को अंतिम रूप दे रही है। बताते चलें की संजीव मित्तल ने 20 औद्योगिक आवंटनों की प्रगति रिपोर्ट मांगी थी। उनमें से 13 की बारीकी से समीक्षा की। सोमवार सुबह 11 बजे से शाम तक चली बैठक में शीर्ष तीन संस्थागत और वाणिज्यिक आवंटन की प्रगति भी प्रस्तुत की गई। बैठक में उठाए गए अन्य एजेंडे में आयकर के मुद्दे और सेक्टर-151ए में हेलीपोर्ट परियोजना की वित्तीय योजना के विस्तृत विश्लेषण की भी समीक्षा की गई।
एनईए ने कही ये बात
कुछ औद्योगिक क्षेत्रों में सिविल और अन्य कार्यों को पूरा करने की समय-सीमा पर भी चर्चा की गई। नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन मल्हान ने कहा, “बड़े निवेश की समीक्षा ठीक है। लेकिन रोजगार देने और राज्य की आय में इजाफा करने वाले मौजूदा औद्योगिक आवंटियों के मुद्दों और समस्याओं पर भी विचार किया जाना चाहिए। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जिस मनमानी तरीके से सीआईसी (संविधान में बदलाव) शुल्क लागू किए गए हैं, उस पर फिर से विचार करने की मांग कर रहे हैं। कोई अन्य सरकारी एजेंसी इसे चार्ज नहीं कर रही है।"
कोरोना महामारी का बुरा असर पड़ा
नोएडा अथॉरिटी की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इन 855 औद्योगिक इकाइयों को 24,93,448 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया गया है। खास बात यह है कि सबसे ज्यादा 527 कंपनियां वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान शहर में आई है। यह योगी आदित्यनाथ सरकार का दूसरा वर्ष था। इसके बाद कोरोनावायरस के संक्रमण ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया। जिसका असर नोएडा अथॉरिटी के कामकाज पर भी बुरी तरह पड़ा। वित्त वर्ष 2019-20 में प्राधिकरण केवल एक इंडस्ट्री को जमीन का आवंटन कर पाया।
प्राधिकरण ने आपदा को अवसर बनाया
नोएडा की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने कहा, पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान एक बार फिर प्राधिकरण ने आपदा को अवसर में बदलने का प्रयास किया। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए। प्राधिकरण ने महामारी के दौरान 186 कंपनियों को जमीन का आवंटन किया है। चालू वित्त वर्ष में भी अथॉरिटी अब तक 21 औद्योगिक इकाइयों को शहर में जमीन दे चुकी है। कुल मिलाकर 1 अप्रैल 2017 से 16 जून 2021 तक अथॉरिटी ने 855 औद्योगिक इकाइयों को 24,93,448 वर्ग मीटर जमीन बेची है। जिसकी बदौलत प्राधिकरण को 20,560 रुपये का इन्वेस्टमेंट मिला है।
1,45,703 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा हुए
इन औद्योगिक इकाइयों में 1,45,703 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा हुए हैं। पिछले 4 वर्षों के दौरान नोएडा में सैमसंग, One97 कम्युनिकेशन, टीसीएस, मदरसन, केंट आरओ सिस्टम, हल्दीराम, यूफ्लेक्स, नेप्चून सिस्टम, रोटो पंप्स, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, वेस्टवे इलेक्ट्रॉनिक्स, आईएनजीकेए केयर सेंटर जैसी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने नई औद्योगिक इकाई लगाई हैं या अपने कारोबार का विस्तार किया है।