Tricity Today | नोएडा पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी NEET में असफल छात्रों को MBBS कॉलेज में दाखिला दिलवाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी
Noida : गौतमबुद्ध नगर पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गैंग को गिरफ्तार किया है जो Neet में असफल हुए छात्रों को एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने छापेमारी कर कर गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग का मुख्य आरोपी की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 9 सिम कार्ड कार्ड, फर्जी हस्ताक्षर किए रेंट अग्रीमेंट, 4 चेकबुक, मोबाइल फोन बरामद किए है। थाना सेक्टर-126 पुलिस ने कार्रवाई की है।
नोएडा की छात्र ने की शिकायत
डीसीपी हरीश चंद्र ने बताया कि पुलिस ने बताया कि सेक्टर-5 की रहने वाली एक छात्रा से शिकायत मिली थी कि सेक्टर-125 स्थित इको टावर में TRUTH ADVISORS CAREER CONSUL नामक दफ्तर खोल कुछ ठगों ने उसके साथ MBBS में दाखिला दिलाने के नाम पर लगभग 14 लाख रुपए की ठगी की है। शिकायत मिलने के बाद थाना सेक्टर-126 पुलिस ने थाना क्षेत्र से दो ठगों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान दीपक और राजेश के रूप में हुई है। इस गैंग का मुख्य सरगना यश चौबे है। फिलहाल यश चौबे फरार चल रहा है। पुलिस उसे भी जल्द गिरफ्तार कर लेगी।
पिछले 4 सालों से एक्टिव था गैंग
डीसीपी ने बताया कि ठगी करने वाला यह गेम छात्रों से उनके गृह राज्य के एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन के नाम पर 30 से 35 लाख रुपए लेते थे जबकि अन्य दूसरे राज्यों के एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन के नाम पर 20-25 रुपए वसूलते थे। गैंग के द्वारा फर्जी आधार कार्ड पर अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग नामों से 13 खाते खुलवाए गए थे। पुलिस ने इन खातों में रखे 2 लाख 80 हजार रुपए को सीज करवा दिया है। ये गैंग पिछले 3-4 सालों से इस तरह की ठगी कर रहे है। इस तरीके से छात्रों को बनाते थे शिकार
एडीसीपी आशुतोष त्रिवेदी बताया कि NEET में असफल हुए छात्रों का डाटा निकलवा कर उनसे संपर्क करते थे। फिर उन्हें अपने झांसे में लाकर एमबीबीएस में दाखिला दिलवाने का आश्वासन देते थे। छात्रों को अपने चंगुल में फंसाने के लिए गैंग उन्हें दफ्तर में बुलाकर एडमिशन के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करता था। छात्रों की काउंसलिंग भी दफ्तर में की जाती थी। इस वजह से छात्रों को दफ्तर में बैठे लोगों पर भरोसा आसानी से होने लगता था।
प्रशासनिक अधिकारी बनकर लाखों रुपए का समझौता
एडीसीपी ने बताया कि पैसों की डीलिंग नामी होटलों में की जाती थी। जहां पर छात्रों के परिजनों से गैंग के लोग प्रशासनिक अधिकारी बनकर लाखों रुपए का समझौता किया करते थे। इसके बाद छात्रों को भरोसा हो जाता था कि उनका एडमिशन कॉलेज में हो चुका है। छात्र जब कॉलेज में पढ़ने पहुंचता तो उसे पता चलता कि उसका एडमिशन हुआ ही नहीं है। जब जाकर छात्रों को पता चलता है कि उनके साथ ठगी हुई है।
देशभर में फैला नेटवर्क
एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि देश के कई राज्य गुजरात, यूपी, राजस्थान के अलग-अलग शहरों में अपना दफ्तर खुले हुए थे। पुलिस को इन राज्यों से कई NEET में असफल हुए छात्रों से ठगी की जानकरी पुलिस को मिली है। इसके द्वारा दफ्तर में रखे गए कर्मचारियों को 15 दिन से 1 महीने के अंदर निकाल दिया जाता था। साथ ही ठगी के बाद ये दफ्तर खाली कर अपना फोन बंदकर कर के फरार हो जाते थे। फिलहाल पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड के तलाश में जुटी है साथ ही पुलिस पता लगाने में जुटी हुई है कि आखिर कितने छात्रों से अब तक ये ठगी कर चुके है। इस गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने के बाद और परते खुलेंगे।