पंकज सिंह ने बरेली की तरह यहां कामयाबी दोहराई

मेरठ में भाजपा ने सपा से छीना नगर निगम : पंकज सिंह ने बरेली की तरह यहां कामयाबी दोहराई

पंकज सिंह ने बरेली की तरह यहां कामयाबी दोहराई

Tricity Today | Noida MLA Pankaj Singh

Noida News : उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के उपाध्यक्ष और नोएडा के विधायक पंकज सिंह (Pankaj Singh BJP) अपनी पार्टी के लिए 'मिस्टर डिपेंडेबल' साबित हो रहे हैं। इस नगर निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने उन्हें मेरठ नगर निगम का प्रभारी नियुक्त किया। यह सीट भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी से छीन ली है। मेरठ में मौजूदा मेयर सपा की थीं। ठीक इसी तरह पंकज सिंह ने पिछले नगर निकाय चुनाव के दौरान बरेली में भाजपा को कामयाबी दिलाई थी। मेरठ में पंकज सिंह के काम को देखने वाले एक पूर्व मंत्री ने कहा, "वह बेहद धैर्य के साथ चीजों को सुनते हैं और बोलने में कम भरोसा रखते हैं। पार्टी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता को संजीदगी से लेते हैं। यही उनकी कामयाबी का राज है।"

मेरठ में भाजपा को वापस दिलाया नगर निगम
शनिवार को उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव का परिणाम आ गया है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में सभी 17 नगर निगम में जीत हासिल की है। संगठन के लिए मेरठ नगर निगम बेहद महत्वपूर्ण था। दरअसल, नगर निगम पर फिलहाल समाजवादी पार्टी का कब्जा था। हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा मेरठ की मेयर थीं। हालांकि, उन्होंने चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा और जीता था। बाद में वह अपने पति के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गयी थीं। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मेयर हरिकांत अहलूवालिया को चुनाव मैदान में उतारा। उनके सामने समाजवादी पार्टी ने सरधना के विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को टिकट दिया। मेरठ में भारतीय जनता पार्टी के लिए यह मुकाबला आसान नहीं था। पंकज सिंह की रणनीति कारगर साबित हुई। प्रत्याशी चयन से लेकर मतदान तक वह मेरठ नगर निगम चुनाव के लिए योजनाकार बने रहे। हरिकांत अहलूवालिया को 2,35,953 वोट मिले हैं। भारतीय जनता पार्टी ने मेरठ नगर निगम में वापसी करते हुए ऐतिहासिक जीत हासिल की है। 

मेरठ के कद्दावर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री कहते हैं, "भाजपा में सांगठनिक दृष्टिकोण से चुनाव प्रभारी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राजनीति में हर कोई महत्वाकांक्षा लेकर आता है। सबको टिकट की दरकार होती है। एक-एक टिकट के लिए दर्जनों लोग दावा करते हैं। टिकट तो किसी एक को ही देना होता है। ऐसे माहौल में योग्यतम को टिकट देकर बाकी लोगों को संतुष्ट करना ही चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी है। मेरठ में यह काम पंकज सिंह ने बखूबी करके दिखाया है।"

पिछली बार बरेली नगर निगम सपा से छीना था
इससे पहले वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में पंकज सिंह को बरेली नगर निगम का चुनाव प्रभारी बनाकर भेजा गया था। उस वक्त बरेली नगर निगम पर भी समाजवादी पार्टी का कब्जा था और आईएस तोमर वहां के मेयर थे। भारतीय जनता पार्टी ने उमेश गौतम को मैदान में उतारा था। पंकज सिंह ने बरेली में भी शानदार ढंग से चुनाव संभाला और भाजपा को कामयाबी दिलाई थी। उमेश गौतम बड़े अंतर से जीतकर मेयर बने थे। बरेली सदर बाजार के वयोवृद्ध भाजपा नेता और व्यापारी जुगल किशोर कहते हैं, "पंकज सिंह धैर्यवान और सौम्य स्वभाव के धनी हैं। फिर भी वह आसानी से किसी की बात नहीं मानते हैं। लिहाजा, उन्हें झूठे आश्वासन देने की जरूरत नहीं पड़ती है। राजनीति में यह गुण बहुत कम नेताओं के पास होता है। ज्यादातर नेता कार्यकर्ताओं को झूठे आश्वासन देकर फौरी तौर पर निजात पाना चाहते हैं। जब पंकज सिंह ने पिछले नगर निकाय चुनाव में बरेली का प्रभार संभाला था तो यहां गुटबंदी हावी थी। पंकज सिंह का प्रभाव रहा और अच्छे उम्मीदवार चुनने में पार्टी की मदद की। जिसकी बदौलत ना केवल मेयर सीट भाजपा ने हासिल की थी, बल्कि सदन में भी बहुमत हासिल किया था। मैं उन्हें पार्टी के लिए 'मिस्टर डिपेंडेबल' मानता हूं।"

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