बड़े बिल्डरों को बजट से बड़ी उम्मीदें, कहा-रियल एस्टेट को भी मिले उद्योग का दर्जा, जीएसटी कम हो

Budget 2024 : बड़े बिल्डरों को बजट से बड़ी उम्मीदें, कहा-रियल एस्टेट को भी मिले उद्योग का दर्जा, जीएसटी कम हो

बड़े बिल्डरों को बजट से बड़ी उम्मीदें, कहा-रियल एस्टेट को भी मिले उद्योग का दर्जा, जीएसटी कम हो

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Noida News : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा के रियल एस्टेट डेवलपर्स मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। उनकी प्रमुख मांग है कि रियल एस्टेट क्षेत्र को 'उद्योग का दर्जा' दिया जाए, जिससे वित्तीय संसाधनों तक पहुंच आसान हो सके। साथ ही, जीएसटी से संबंधित समस्याओं का समाधान किया जाए, विशेष रूप से सीमेंट पर लगने वाले 28 प्रतिशत कर की दर को कम किया जाए।

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) दिल्ली एनसीआर के संयोजक सुशील कुमार जैन ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र को कर प्रोत्साहन, बेहतर कर संरचना और एकल खिड़की मंजूरी नीति के माध्यम से बढ़ावा देने से घरेलू और विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा, कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर में कमी, कर कानूनों का सरलीकरण, लक्षित प्रोत्साहन, स्वामी स्ट्रेस फंड का विस्तार और निर्माण सामग्री पर जीएसटी दरों में कमी से निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और रियल एस्टेट खिलाड़ियों की स्थिति में सुधार होगा।

भूटानी ग्रुप : जीएसटी में सौ फीसदी राहत हो
भूटानी ग्रुप के सीईओ आशीष भूटानी ने कहा कि देश के रियल एस्टेट क्षेत्र का जीडीपी में योगदान यूरोप या चीन की तुलना में बहुत कम है। उन्होंने 2047 तक इसे 30 प्रतिशत तक ले जाने की वकालत की। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि कम और मध्यम आय वाले आवास के लिए जीएसटी पर 100 प्रतिशत राहत दी जानी चाहिए और जीएसटी छूट इस तरह से होनी चाहिए कि डेवलपर्स को कम से कम इनपुट क्रेडिट मिले, जिसे खरीदारों तक पहुंचाया जा सके। रियल एस्टेट क्षेत्र के साथ-साथ आम जनता की नजरें इस बजट पर टिकी हुई हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।"

एरोस ग्रुप : उद्योग का दर्जा मिलने से सभी को लाभ 
एरोस ग्रुप के निदेशक अवनीश सूद ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में 2024-25 का बजट पेश करेंगी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर देश में कुशल और अकुशल दोनों प्रकार के श्रमिकों काे बड़ा रोजगार देता है। हालांकि, आगामी बजट से पहले, कुछ मुद्दे हैं जिन पर हम सरकार से ध्यान देने का अनुरोध करते हैं। सबसे प्रमुख मांगों में से एक है कि इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया जाए जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा, परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सकेगा और लागत कम करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस लागू किया जा सके। हमें विश्वास है कि ये कदम क्षेत्र की प्रगति को गति देंगे।

काउंटी ग्रुप : सिंगल विंडो पॉलिसी हो
काउंटी ग्रुप के निदेशक अमित मोदी ने कहा कि क्षेत्र की सबसे पुरानी मांगों में से एक है उद्योग का दर्जा देना, जिससे कम लागत वाले वित्तपोषण तक आसान पहुंच हो सके, जो सीधे उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाता है। इसके अलावा, एकल खिड़की मंजूरी लागू करना समय पर परियोजना पूरा करने और लागत दक्षता के लिए महत्वपूर्ण है।

आरजी ग्रुप : टैक्स स्लैब बढ़ाने चाहिए
आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग ने कहा कि आवास की पहुंच में सुधार के लिए, कर स्लैब बढ़ाए जाने चाहिए और किफायती आवास की सीमा को संशोधित किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया, "उद्योग विशेषज्ञ एनसीआर सहित मेट्रो क्षेत्रों में आवास की वहनीयता की सीमा को 45 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये करने के पक्ष में हैं।

मिग्सन ग्रुप : सीमेंट पर जीएसटी ज्यादा
मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी ने कहा कि सीमेंट पर 28 प्रतिशत जीएसटी एक बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे और अन्य मुद्दों (जीएसटी, उद्योग का दर्जा, एकल खिड़की मंजूरी) को संबोधित करने की बहुप्रतीक्षित मांग क्षेत्र को बहुत आवश्यक बढ़ावा प्रदान करेगी।

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