Noida News : आखिरकार आज यह दिन आ ही गया जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार था। नोएडा के सेक्टर-93ए सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट में बने ट्विन टावर को आज ध्वस्त किया जाएगा। जिसके लिए ध्वस्तीकरण करने वाली एडिफिस एजेंसी ने सभी तैयारियों को पूरा कर लिया है। इन दोनों टावरों को एजेंसी द्वारा "वाटरफाॅल इम्प्लोजन कोलैप्स मैकेनिज्म" के जरिए ध्वस्त किया जाएगा। जिस समय ट्विन टावर ध्वस्त होगा उस समय लोगों को झरने देखने जैसा एहसास होगा। केवल 10 से 12 सेकेंड के अंदर ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया जाए। ध्वस्तीकरण के बाद एक विशाल धूल का गुब्बारा उड़ेगा। जोकि पास की इमारतों की ऊंचाई से भी ऊपर तक जाएगा। जिससे आसपास काफी अधिक वायु प्रदूषण हो जाएगा। धूल के गुब्बारे को रोकने के लिए मौके पर कई इंतजाम भी किए गए हैं।
9 मीटर तक होगा एक्सप्लोसिव का असर
एडिफिस एजेंसी ने सबसे पहले साउथ अफ्रीका में इसी तरह 108 मीटर ऊंची इमारत को ध्वस्त किया था। साथ ही कंपनी ने मुंबई जनवरी 2020 कोच्चि में एक इमारत को ध्वस्त किया था। इसी तरह कंपनी ट्विन टावर को भी ध्वस्त करेगी। ट्विन टावर को तोड़ने के लिए कंट्रोल एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे बिना आसपास की बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचाए इमारतों को ध्वस्त कर दिया जाएगा। इस ध्वस्तीकरण का असर 9 मीटर की दूरी तक होगा।
कंपनी इस तरीके से गिरआएगी दोनों टावरों को
एजेंसी "वाटरफाॅल इम्प्लोजन कोलैप्स मैकेनिज्म" से ट्विन टावर को गिराए गी। कंपनी ने इसी तरीके से 2009 में साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 108 मीटर ऊंची इमारत को गिराया गया था और सुपर ट्रैक्टर ट्विन टावर की ऊंचाई 100 मीटर है। अधिकारियों ने कहा कि साउथ अफ्रीका में जिसे इमारत को गिराया गया था उस इमारत का ग्राउंड क्लीयरेंस 7.8 मीटर का था और एमराल्ड कोर्ट का ग्राउंड क्लीयरेंस 9 मीटर का है। अधिकारियों ने कहा कि पहले भी इससे ज्यादा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बड़ी इमारतों को सुरक्षित रूप से गिराया जा चुका है।
ब्लास्ट के समय झरने की तरह नीचे गिरेगा मालवा
वाटरफॉल शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि इमारत को ध्वस्त करते समय मलवा इसी तरह नीचे आएगा जैसे झरने से पानी जमीन पर गिरता है। ध्वस्तीकरण के लिए दोनों इमारतों के कॉलम बीम और सीकर दीवारों में छेद कर विस्फोटक को लगाया गया है।
लेटरल पुल बना कर गिराया जाएगा
टावर को गिराने में 10 सेकंड का समय लगेगा। एजेंसी के अनुसार लंबाई थोड़ा छोटा सायन (97 मीटर) नीचे आने वाली पहली इमारत होगी। 100 मीटर एपेक्स कंपाउंड को सियेन की तरफ से 'लेटरल पुल' बनाकर गिराया जाएगा। यह कंपाउंड के बाकी सभी बिल्डिंगों से दूर होगा ध्वस्तीकरण के दौरान दोनों टावर अंदर की ओर गिरेंगे।
विस्फोट के बाद उड़ेंगे धूल के गुब्बारे
एमराल्ड कोर्ट परिसर में 650 परिवार रहते हैं। इन टावरों के पास गैस पाइपलाइन भी है जिसे बंद कर दिया जाएगा। दोनों टावरों में विस्फोट के बाद धूल के बादल उड़ेंगे। बताया जा रहा है यह धूल के गुब्बारे बाकी आसपास बने टावरों के ऊपर तक जाएंगे। इन्हें थमने में 10 से 15 मिनट लगेंगे। टावर के मलबे को साफ करने के लिए 3 महीने का समय लगेगा। मलबे को 3000 से 3500 ट्रकों की मदद से निकाला जाएगा।